ज्ञान ठाकुर/निस
शिमला, 26 अक्तूबर
हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने कोरोना महामारी के बीच आज कई बड़े फैसले लिए। प्रदेश मंत्रिमण्डल की शिमला में हुई बैठक में सरकार ने कोरोना की परवाह किए बगैर राज्य में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के स्कूल 2 नवंबर से नियमित तौर पर खोलने पर अपनी मोहर लगा दी। हालांकि कॉलेजों में भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया की अनुपालना सुनिश्चित होने के बाद ही नियमित कक्षाएं शुरू करने का फैसला किया गया है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आज आयोजित प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में मण्डी, सोलन और पालमपुर की नगर परिषदों को इनके आस-पास के क्षेत्रों सहित नगर निगम में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया गया। 6 नई नगर पंचायतों के गठन का भी निर्णय लिया गया है जिनमें जिला सोलन में कंडाघाट, जिला ऊना में अम्ब, जिला कुल्लू में आनी और निरमंड, जिला शिमला में चिड़गांव और नेरवा शामिल हैं। बैठक में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए प्रारम्भिक और उच्च शिक्षा विभागों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार दिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय में लंबित विशेष अवकाश याचिका (सिविल) का अंतिम फैसला आने तक इन शिक्षकों को अकादमिक वर्ष 2020-21 का पारिश्रमिक आवंटित किया जा सकता है।
यह है कैबिनेट के अन्य निर्णय
*मंत्रिमंडल ने नए शहरी स्थानीय निकायों में शामिल क्षेत्रों में भूमि और भवनों को 3 साल की अवधि के लिए सामान्य कर के भुगतान से छूट देने और वाजिब-उल-उर्ज में प्रदान किए गए प्रचलित अधिकारों को बहाल रखने का निर्णय लिया।
*नवगठित नगर पंचायत प्रदेश के शहरी स्थानीय निकायों तथा मंडी, सोलन और पालमपुर में नवगठित नगर निगमों में चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग के परामर्श के बाद जनवरी, 2021 में आयोजित किए जाएंगे। चुनाव में बार-बार व्यय से बचने के लिए नगर निगम धर्मशाला के चुनाव भी शहरी स्थानीय निकायों के साथ जनवरी 2021 में आयोजित किए जाएंगे जबकि शिमला नगर निगम के चुनाव वर्ष 2022 में निर्धारित समय में आयोजित किए जाएंगे।
*मंत्रिमण्डल ने लोगों की समस्याओं का घर-द्वार के निकट त्वरित समाधान प्रदान करने के लिए इस वर्ष 8 नवम्बर से जनमंच कार्यक्रम को दोबारा शुरू करने का निर्णय लिया है।
*बैठक में उन परियोजनाओं को जीरो डेट को पुनर्भाषित करते हुए एकमुश्त छूट देने का फैसला लिया गया जो जांच और स्वीकृति के चरण के अंतर्गत हैं और जहां कार्यान्वयन समझौतों पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। इसके साथ-साथ निर्माण के स्तर जो परियोजनाएं हैं उनके लिए निर्धारित व्यावसायिक संचालन तिथि को भी पुनर्भाषित किया जाएगा। इस निर्णय से 1060 मेगावाट क्षमता की 221 विद्युत परियोजनाएं लाभान्वित होंगी।