फरीदाबाद (हप्र) : नगर निगम सभागार में नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन के पदधिकारियों ने अपने कार्यकर्ताओं की मीटिंग आयोजित की गई। मीटिंग की अध्यक्षता सफाई यूनियन के प्रधान बलवीर सिंह बालगुहेर ने की तथा मंच का संचालन सचिव सोमपाल झिझोटिया ने किया। नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री विशेष रूप से मौजूद थे। प्रधान बलवीर सिंह बालगुहेर ने कहा कि नगर निगम आयुक्त ने कर्मचारियों के साथ वादाखिलाफी करते हुए सफाई कर्मचारियों द्वारा लगातार 5 दिन की गई टूल डाऊन हड़ताल को समाप्त कराकर यूनियन को विश्वास दिलाया था कि कर्मचारियों को गेहूं ऋण 5 जुलाई तक सभी कर्मचारियों के बैंक खातों में भिजवा दिया जाएगा। परंतु अभी तक कर्मचारियों के खातों में यह गेहूं का ऋण का पैसा नहीं आया और कर्मचारियों के वेतन से दो माह से रिकवरी भी हो रही है। इससे निगम कर्मचारियों में नगर निगमायुक्त डा. गरिमा मित्तल के प्रति गहरी नाराजगी है। अब ये कर्मचारी 8 जुलाई को नगर निगम की आयुक्त को शहरी निकाय मंत्री अनिल विज के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन प्रदर्शन करते हुए सौंपेंगे। राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने कहा कि आगामी 15 जुलाई को अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस मनाया जाएगा। इसके तहत जिला उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए मांग करेंगें कि हरियाणा सरकार द्वारा महंगाई भत्ते पर लगी रोके हटाने, पुरानी पेंशन स्कीम बहाली और ठेका प्रथा समाप्त कर कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांग करेंगे। मीटिंग में श्रीनंद ढकोलिया, दान सिंह, विजय चावला, जितेन्द्र छाबड़ा, बल्लू चिण्डालिया, नरेश भगवाना, धर्मवीर, मुकेश सन्नूराम ने सम्बोधित किया।
देशभर में होगा प्रदर्शन: सुभाष लंबा
पलवल (हप्र) : सरकार कोरोना आपदा को अवसर में बदलकर कर्मियों पर आर्थिक हमले और जन सेवाओं के विभागों को तेजी से निजीकरण के हवाले कर रही है। जिसका कर्मचारी 15 जुलाई को राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस पर देशभर में प्रदर्शन करके देंगे। यह ऐलान मंगलवार को हथीन के साहिबजी मंदिर व मिडकौला बिजली आफिस में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंम्पलाइज फैडरेशन व सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने किया। उन्होंने कहा कि 15 जुलाई को प्रदेश के सभी जिलों एवं खंडों में कर्मचारी सड़कों उतरेंगे और डीए व पुरानी पेंशन बहाल करने, ठेका प्रथा समाप्त कर कच्चे कर्मियों को पक्का करने, स्वास्थ्य ठेका कर्मियों, पीटीआई, ग्रुप डी सहित नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर लेने आदि मांगों की अनदेखी और सार्वजनिक सेवा क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।