शिमला, 22 नवंबर (निस)
हिमाचल प्रदेश में आगामी चार दिन मौसम कड़ा तेवर दिखाएगा। मौसम विभाग ने शिमला सहित छह जिलों में भारी बारिश व बर्फबारी की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक राज्य के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में 26 नवम्बर तक मौसम खराब रहेगा। इस दौरान बारिश व बर्फबारी का दौर चलने की संभावना है। मध्यपर्वतीय व अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 25 नवम्बर को भारी बारिश व बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 27 नवम्बर से मौसम के साफ रहने का अनुमान है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में बदलाव आ रहा है और इससे लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि शिमला, कुल्लू, चंबा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और मंडी व सिरमौर के ऊंचे क्षेत्रों में 25 नवम्बर को भारी बारिश व बर्फबारी होने की संभावना है।
इस बीच आज राज्य के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति, किन्नौर और कुल्लू की उंची चोटियों पर ताजा हिमपात हुआ। जिला शिमला व आसपास के क्षेत्रों में भी मौसम के मिजाज बदले नजर आए। जिलाभर में दोपहर बाद आसमान बादलों से घिरा रहा। इस दौरान ठंडी हवाएं भी चलीं, जिससे दिन के समय ठंड का एहसास हुआ। लाहौल-स्पीति का मुख्यालय केलंग राज्य में सबसे ठंडा स्थल रहा, जहां आज न्यूनतम तापमान -6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा किन्नौर के कल्पा में -2.6 डिग्री, मनाली में 0.2 डिग्री, भुंतर व सोलन में 1.7 डिग्री, सुंदनगर व पालमपुर में 2 डिग्री, कुफरी में 3.6 डिग्री, डल्हौजी में 3.8 डिग्री, चंबा में 3.9 डिग्री, शिमला में 5.1 डिग्री और धर्मशाला में 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
बेहतर प्रबंधन से होगा फलदार पौधों का कोहरे से बचाव
सर्द मौसम में आम, नींबू प्रजाति के फलों, अमरूद व पपीता आदि के पौधों पर कोहरे के कारण प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। सर्दी के मौसम में कोहरे के चलते हवा में विद्यमान नमी बर्फ के कण बन जाती है। कम तापमान की वजह से पौधों की कोशिकाएं फट जाती हैं और फूल झड़ने लगते हैं। पपीता, आम आदि के पौधों पर कोहरे का प्रभाव अधिक पाया गया है। कोहरे से कभी-कभी शत प्रतिशत सब्जी की फसल नष्ट हो जाती है। बागवानी विभाग के उप-निदेशक डॉ. सुभाष चंद ने बताया कि छोटी आयु के पौधों को दक्षिण पश्चिम दिशा में पौधों को धूप व हवा के लिए खुला रखें। इसके अलावा कोहरा पड़ने की संभावना पर पौधों पर पानी का छिड़काव करें। सर्दियों से पहले या सर्दी के मौसम में पौधों को नाइट्रोजन खाद न दें। अनुमोदित मात्रा में पौधों में पोटाश खाद देने से उनकी कोहरा सहने की क्षमता बढ़ती है। डॉ. सुभाष चंद ने बताया कि कोहरे से प्रभावित पौधों का उपचार करने के लिए नई कोपलें फूटने से पहले ग्रसित पौधों की प्रभावित टहनियों की कांट-छांट इस ढंग से करें कि सूखी टहनी के साथ-साथ कुछ हरा भाग भी कट जाए।