रोहतक, 24 सितंबर (निस)
गांव सुंदरपुर के पास नहर टूटने से सैकड़ों एकड़ भूमि जलमग्न हो गई, जिससे धान व बाजरे की फसल पूरी तरह से डूब गई। किसानों का कहना है कि खेत में पानी इतना भरा हुआ है कि फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी।
किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की भी मांग की है। किसानों का कहना है कि एक तरफ तो पिछले दो दिनों से बरसात चल रही है और अब नहर टूटने से फसल नहीं बच पाएगी। नहर टूटने की सूचना मिलने पर नहरी विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। नहर को ठीक करने के लिए काफी संख्या में कर्मचारी लगाए गए हैं। बताया जा रहा है कि बारिश की वजह से नहर में पानी का लेवल अधिक होने के कारण नहर टूटी है, फिर भी कारणों का पता लगाया जा रहा है।
शनिवार सुबह गांव सुंदरपुर में साथ लगती नहर टूट गई। ग्रामीणों का नहर टूटने का पता उस वक्त लगा जब वह सुबह खेतों की तरफ गए तो उन्होंने नहर के काफी हिस्से में कटाव देखा। यह देखकर ग्रामीणों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी। सूचना मिलने पर नहरी विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। इसी बीच काफी संख्या में ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे और नहरी विभाग के कर्मचारियों के साथ कटाव को बंद करने में जुट गए। ग्रामीणों का कहना है कि धान की फसल कटाई पर थी और अब पूरी तरह से बर्बाद हो गई। किसानों ने जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की।
झज्जर के छुड़ानी गांव में टूटी मातन लिंक ड्रेन
झज्जर (हप्र) : झज्जर जिले के बेरी विस क्षेत्र के छुड़ानी गांव में मातन लिंक ड्रेन ओवरफ्लो होकर टूट गई। ड्रेन में 15 से 20 फीट चौड़ा कट बन गया। जिसके कारण ड्रेन का पानी भी खेतों में भर गया है और किसानों के धान की फसल पानी में पूरी तरह से जलमग्न हो गई है। किसानों ने सिंचाई विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना भी दी, लेकिन ड्रेन का कट बंद नहीं किया गया। किसानों का कहना है कि ड्रेन को ठीक करने के नाम पर सिर्फ लीपापोती होती रही है। मातन लिंक ड्रेन को ठीक करने के लिए सिंचाई विभाग ने कर्मचारी भी भेजे, लेकिन कर्मचारियों के पास कट को बंद करने के लिए प्लास्टिक के न तो कट्टे थे और न ही मिट्टी। मिट्टी और प्लास्टिक के कट्टे घंटों तक नहीं आने के बाद सिंचाई विभाग के कर्मचारी खेतों में भरे ड्रेन के पानी से मछली पकड़ने में जुट गए। सिंचाई विभाग की मैकेनिकल शाखा के जेई मनोज ने बताया कि डीजल और इलेक्ट्रिक पम्प लगाकर पानी की निकासी की जा रही है। बरसात बंद होने के बाद दो से तीन दिन में पानी की निकासी करवाई जाएगी।