चंडीगढ़, 24 मई (एजेंसी)
पंजाब के किसान बड़ी संख्या में दिल्ली की सीमा के लिए कूच कर रहे हैं। यह दावा भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की पंजाब इकाई के नेताओं ने किया। उन्होंने बताया कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के छह महीने 26 मई को पूरे हो रहे हैं और इस दिन को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाने के लिए संगठन के आह्वान पर किसान कूच कर रहे हैं।
गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान दिल्ली की सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमा पर नवंबर से ही प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि केंद्र सरकार का दावा है कि ये कानून किसानों के हित में हैं। किसानों और केंद्र के बीच इस मुद्दे पर 22 जनवरी से कोई बातचीत नहीं हुई है। किसान संगठनों ने मजदूरों, कर्मचारियों और कारोबारियों सहित सभी वर्गों से कृषि कानूनों के खिलाफ एकजुटता प्रकट करने के लिए घरों, दुकानों और औद्योगिक इकाइयों पर काले झंडे लगाने की अपील की है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के वरिष्ठ नेता श्रृंगार सिंह ने सोमवार को कहा, ‘बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं।’ भाकियू (एकता डकौंदा) के नेता जगमोहन सिंह पटियाला ने कहा कि किसान कई जिलों जैसे संगरूर, पटियाला, गुरदासपुर, मानसा, बठिंडा, मोगा, फरीदकोट, फाजिल्का से दिल्ली की सीमा की ओर बढ़ रहे हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू किसानों के समर्थन में काला झंडा लहराएंगे
किसानों ने कहा कि बुजुर्गों के साथ-साथ युवा और महिलाएं भी वाहन में जरूरी सामान लेकर टिकरी और सिंघू बार्डर जा रहे हैं। भाकियू नेता श्रृंगार सिंह ने कहा, ‘प्रत्येक रविवार को राज्य के सभी जिलों से किसान दिल्ली की सीमा पर जाते हैं और एक सप्ताह के बाद उनका स्थान नया समूह ले लेता है।’ इस बीच, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि वह किसानों के समर्थन में अपने घर पर काला झंडा लहराएंगे । सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में मैं अपने दोनों घरों (अमृतसर और पटियाला) पर कल सुबह साढ़े नौ बजे काला झंडा लहराऊंगा….सभी से अनुरोध है कि वे भी ऐसा तब तक करें जब तक कि इन काले कानूनों को वापस नहीं ले लिया जाता या राज्य सरकार के जरिये निश्चित एमएसपी और खरीद की वैकल्पिक प्रक्रिया मुहैया नहीं करा दी जाती।’