विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 1 नवंबर (ट्रिन्यू)
36 वर्षीय आईटी पेशेवर निपुण जैन इस दुनिया से तो रुखसत हो गया, लेकिन 4 मरीजों को उपहार में नया जीवन दे गया। निपुण को गंभीर अवस्था में पंचकूला के अलकेमिस्ट अस्पताल में दाखिल कराया गया था। जांच के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। दरअसल उन्हें बड़े पैमाने पर ब्रेन हैमरेज हुआ था। बेटे की नाजुक हालत को देख उसके परिवार ने साहसिक कदम उठाया और उनके अंगदान करने का फैसला लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवार ने अस्पताल के अधिकारियों से संपर्क किया। यह पंचकूला जिले में पहला शवदान-अंगदान था, इसलिए अस्पताल के अधिकारियों ने आवश्यक अनुमति लेने के लिए पीजीआई चंडीगढ़ और राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क किया। जिला स्वास्थ्य अधिकारियों और पीजीआई से अनुमति लेने के बाद पीजीआई के रीनल ट्रांसपोर्ट सर्जरी डा. आशीष शर्मा हेड और सीनियर कंसल्टेंट यूरोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट डा. नीरज गोयल के नेतृत्व में एक टीम ने ब्रेन डेड मरीज के अंग प्राप्त किए। अंगों के ट्रांसप्लांटेशन की सर्जरी कल 31 अक्तूबर देर रात तक जारी रही।
प्रो. आशीष शर्मा ने बताया कि ट्राइसिटी के किसी भी निजी अस्पताल द्वारा कैडवेरिक ऑर्गन हार्वेस्टिंग का यह पहला मामला था। इस कैडवेरिक सर्जरी का सीनियर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजी डा. रमेश कुमार, डा. अकालजोत भी हिस्सा थे। अलकेमिस्ट अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. पीएस मान ने डा. आशीष शर्मा, उनकी टीम, सिविल अस्पताल की सर्जन डा. मुक्ता कुमार और चंडीगढ़ और पंचकूला पुलिस का आभार जताया है।