शिमला, 7 फरवरी (निस)
हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार की चुनावी वर्ष में मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अभी सरकार कर्मचारियों के वेतनमान का मुद्दा सुलझा भी नहीं पायी है कि प्रदेश में विकास पर विराम लग गया है। विकास कार्यों में जुटे ठेकेदारों ने इन कार्यों पर काम करना बंद कर दिया है। ऐसे प्रदेश में यकायक विकास कार्यों पर विराम लग गया है। यही नहीं ठेकेदारों ने सरकार द्वारा जारी निविदाओं में भाग लेने से भी इनकार कर दिया है। इससे भविष्य में होने वाले विकास कार्यों का रास्ता भी रुक गया है। चुनावी वर्ष में ठेकेदारों के इस कदम से जयराम सरकार मुश्किल में आ गई है क्योंकि सरकार धड़ाधड़ विकास कार्यों की घोषणा करती जा रही है और दूसरी ओर इन्हें अमली जामा पहनाने वाला कोई नहीं है। ऐसे में सरकार को विकास का लक्ष्य पूरे करने में मुश्किलें आएंगी। यही नहीं विपक्षी दल कांग्रेस और माकपा ने भी इस मुद्दे पर ठेकेदारों के सुर में सुर मिला दिया है। इससे सरकार पर दबाव और बढ़ गया है।
पूरे प्रदेश में आज से ठेकेदार हड़ताल पर चले गए हैं और जब तक सरकार ठेकेदारों की मांगों को नहीं मानती है तब तक ठेकेदार काम पर नहीं लौटेंगे, जिससे विकास कार्यों की रफ्तार रुक गयी है और हजारों मजदूर भी रोजगार से महरूम हो गए हैं। ठेकेदार वेलफेयर एसोसिएशन ने मांगो को लेकर शिमला में पीडब्ल्यूडी कार्यालय के बाहर धरना दिया और अधिशासी अभियंता को मांग-पत्र सौंपा। प्रदेश कॉन्ट्रैक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश कुमार विज ने कहा कि दीवाली के बाद से ठेकेदारों को बिलों का भुगतान नहीं किया गया है। जीएसटी की रकम की वापसी का मामला भी लटका हुआ है जिसके कारण काम करना मुश्किल हो गया है। खनन नियमों में सरलीकरण की भी सरकार से मांग की गई है, लेकिन सरकार कोई सकारात्मक कदम नहीं उठा रही है जिससे ठेकेदारों को परेशानी हो रही है। सरकार ने अगर मांगी नहीं मानी तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
कांग्रेस ने किया समर्थन
कांग्रेस हिमाचल में आंदोलनरत ठेकेदारों के समर्थन में उतरी है। कांग्रेस ने सरकार से ठेकेदारों की मांगों पर गौर करने का आग्रह किया है। पार्टी के प्रवक्ता नरेश चौहान ने कहा कि सरकार को समय रहते ठेकेदारों की मांगों को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए। अनदेखी करने की स्थिति में हिमाचल में विकास की रफ्तार थमेगी, इसका सीधा असर प्रदेश के विकास पर पड़ेगा। पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में नरेश चौहान ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न सरकारी विकास कार्यों के निर्माण में लगे ठेकेदारों की कई मांगे लंबे समय से लंबित पड़ी है। सरकार की तरफ से उनकी मांगों के संबंध में कोई सार्थक कदम न उठाने के चलते वे आज से हड़ताल पर चले गए है। सोमवार को कई स्थानों में प्रर्दशन भी हुए है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार समय रहते उनकी मांगों के संदर्भ में उचित निर्णय ले लेती तो आज ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती। नरेश चौहान कहा कि यदि सरकार ने समय रहते सभी मसलों को नहीं सुलझाया तो हिमाचल विकास की दृष्टि से पिछड़ जाएगा। इसके साथ ही विकास कार्य के टारेगट भी प्रभावित होंगे।
ठेकेदार वेलफेयर एसोसिएशन ने निकाली रैली
हमीरपुर (निस) : जिला ठेकेदार वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एनके शर्मा के नेतृत्व में एडीएम जितेंद्र सांजटा के माध्यम से प्रदेश सरकार को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा और रैली निकाली। शर्मा ने बताया कि प्रदेश के ठेकेदारों को गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनका भुगतान दिवाली 2021 से लंबित है। गौण खनिजों (पत्थर, गटका, ग्रिट, रेत आदि) के ट्रांजिट पास को अनिवार्य कर दिया गया है और ट्रांजिट पास के साथ सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि ठेकेदार एसोसिएशन के अधिकारियों और ठेकेदारों ने इन मुद्दों को बार-बार मुख्य अभियंता एचपीपीडब्ल्यूडी, सचिव (पीडब्ल्यूडी) और सीएम के समक्ष प्रस्तुत किया है। तीन माह बीत जाने के बाद भी इन समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है।