केवडिया, 31 अक्तूबर (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आज का भारत अपनी संप्रभुता और सम्मान को चुनौती देने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत रखता है। आतंकवाद के बढ़ते खतरे के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एकजुट होने की अपील करते हुए उन्होंने पुलवामा हमले का भी जिक्र किया और कहा कि पाकिस्तान की संसद में इसका सच उजागर हुआ है। देश के पहले गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती पर यहां ‘स्टैचयू ऑफ यूनिटी’ पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि देश आज रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है तथा सीमाओं को लेकर अब भारत की नजर और नजरिया दोनों बदल गए हैं। उन्होंने कहा, ‘आज भारत की भूमि पर नजर गड़ाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत हमारे वीर जवानों के हाथों में है। आज का भारत सीमाओं पर सैकड़ों किलोमीटर लंबी सड़कें बना रहा है तो दर्जनों पुल लगातार बनाता चला जा रहा है। अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए आज का भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध, पूरी तरह तैयार है।’ प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पिछले दिनों पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी और उसमें कई जवान शहीद हो गए थे। दोनों देशों के बीच अब भी इसे लेकर गतिरोध कायम है। दोनों देशों के बीच सैन्य व कूटनीतिक स्तर पर गतिरोध समाप्त करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में पिछले साल पुलवामा में पाकिस्तान द्वारा किए गए आतंकवादी हमले का भी जिक्र किया और कहा कि इसकी सच्चाई को हाल ही में पड़ोसी मुल्क की संसद में स्वीकार किया गया। इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। मोदी का यह बयान ऐसे समय में आया है कुछ दिनों पहले ही पाकिस्तान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने पाकिस्तान की संसद में स्वीकार किया कि 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के लिये उनका देश जिम्मेदार है। इस हमले के बाद दोनों देश जंग के मुहाने पर आकर खड़े हो गए थे। प्रधानमंत्री ने इस आतंकी हमले का गलत इस्तेमाल करने के लिए कुछ राजनीतिक दलों की आलोचना भी की। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जब पूरा देश पुलवामा हमले के बाद दुखी था कुछ लोग ‘स्वार्थ और अहंकार से भरी भद्दी राजनीति’ कर रहे थे। मोदी ने कहा, ‘आज यहां जब मैं अर्धसैनिक बलों की परेड देख रहा था तो मन में एक और तस्वीर थी। यह तस्वीर थी पुलवामा हमले की। देश कभी भूल नहीं सकता कि जब अपने वीर बेटों के जाने से पूरा देश दुखी था, तब कुछ लोग उस दुख में शामिल नहीं थे।’ उन्होंने कहा कि देश कभी भूल नहीं सकता कि तब कैसी-कैसी बातें कही गईं थीं और कैसे-कैसे बयान दिए गए थे। उन्होंने कहा, ‘देश भूल नहीं सकता कि जब देश पर इतना बड़ा घाव लगा था, तब स्वार्थ और अहंकार से भरी भद्दी राजनीति कितने चरम पर थी।’ मोदी ने कहा, ‘पिछले दिनों पड़ोसी देश से जो खबरें आईं हैं, जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया है, उसने इन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, ये लोग किस हद तक जा सकते हैं। पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति, इसका बड़ा उदाहरण है।’ प्रधानमंत्री ने इस प्रकार की राजनीति करने वाले दलों से आग्रह किया कि देश की सुरक्षा के हित में और सुरक्षाबलों के मनोबल के लिए इस प्रकार की राजनीति ना करें। उन्होंने कहा, ‘अपने स्वार्थ के लिए, जाने-अनजाने आप देशविरोधी ताकतों की हाथों में खेलकर, न आप देश का हित कर पाएंगे और न ही अपने दल का।’ उन्होंने कहा कि देश हित ही सर्वोच्च हित है। ‘जब हम सबका हित सोचेंगे, तभी हमारी भी प्रगति होगी, उन्नति होगी।’