चंडीगढ़, 27 मई (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार ने कोरोना काल में मुख्यालय के डाॅक्टरों को भी फील्ड में उतार दिया है। यह डाॅक्टर सरकार द्वारा कोरोना के मद्देनजर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू की गई विलेजर जनरल हेल्थ चैकअप स्कीम का रिव्यू करके 1 मई तक अपनी रिपोर्ट देंगे।
बताया गया है कि स्वास्थ्य विभाग के पंचकूला मुख्यालय में स्थित निदेशालय तथा एनएचएम मुख्यालय में लंबे समय से डाॅक्टर तैनात हैं। यहां ज्यादातर चिकित्सक ऐसे हैं, जो अपने प्रभाव के चलते जमे हुए हैं। इनमें अधिकतर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों की पत्नियां हैं। कोरोना काल में जहां सरकार द्वारा अन्य विभागों के तीस हजार कर्मचारियों की सेवाएं स्वास्थ्य विभाग में ली जा रही हैं, वहीं मुख्यालय पर तैनात अधिकारियों से डाॅक्टर होने के बावजूद डाॅक्टरों की ड्यूटी नहीं लिए जाने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री विपक्ष के निशाने पर थे। अब स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के निर्देश के बाद निदेशालय तथा एनएचएम में तैनात डाॅक्टरों को फील्ड में उतार दिया गया है। यह सभी डाॅक्टर जिलों का दौरा करके वहां चल रही विलेजर जनरल हेल्थ चैकअप स्कीम की वास्तविक रिपोर्ट लेंगे। स्वास्थ्य निदेशक द्वारा जारी पत्र के अनुसार एनएचएम की उपनिदेशक डॉ.सिम्मी वर्मा अम्बाला व यमुनानगर, डॉ. सुरेश दलपत को फरीदाबाद व पलवल व डॉ.नरेश कलेर को करनाल व सोनीपत की ड्यूटी दी है।
इसी तरह से सुरेश भौंसले को हिसार व कैथल, गुरप्रीत सिंह को भिवानी व चरखी-दादरी, निखिल शर्मा को गुरुग्राम व झज्जर, प्रवीन बूरा को रेवाड़ी व नूंह, रामकुमार शर्मा को जींद व कुरुक्षेत्र, चांद सिंह मदान को महेंद्रगढ़ व रोहतक, डॉ.निधि शर्मा को सिरसा व फतेहाबाद जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। ये सभी चिकित्सक अगले चार दिन तक इन जिलों का दौरा करके यहां के गांवों में चल रहे कोरोना बचाव प्रबंधों का रिव्यू करते हुए अपनी रिपोर्ट पहली मई तक मुख्यालय को देंगे।