करनाल, 12 जनवरी (हप्र)
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार और भाजपा अब देश भर में किसानों के साथ टकराव का रास्ता अपना रही है। इसका जीता जागता उदाहरण कैमला में किसान महापंचायत है। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री मनोहर लाल को किसान महापंचायत करनी थी, तो किसानों के बीच किसान महापंचायत करते और उनकी बात सुनते। उन्होंने कहा कि कैमला में जो किसान पंचायत थी वह तो भाजपा के वर्करों की बैठक थी। इसमें किसानों को आने से रोका गया। उन्होंने कहा कि कैमला में जो कुछ हुआ उसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल,भाजपा और भाजपा के विधायक जिम्मेदार हैं। इसका हिसाब सूद सहित चुनावों में चुकाना होगा। हुड्डा एक सामाजिक समारोह में पहुंचे थे।
टीकरी बॉर्डर पर पहुंचे हुड्डा
बहादुरगढ़/झज्जर, (निस/हप्र) पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा मंगलवार को टीकरी बॉर्डर पर धरनारत किसानों के बीच पहुंचे। उन्होंने यहां किसानों के समर्थन में आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता में भी शिरकत की। हुड्डा ने कहा कि देश का अन्नदाता डेढ़ महीने से अपना घर छोड़कर सड़कों पर बैठा है। लेकिन सरकार उसकी मांगें मानने की बजाय, उसे तारीखों के फेर में उलझा रही है। किसानों के संयम की इससे बड़ी मिसाल और क्या होगी, कि 70 से ज्यादा किसानों की शहादत के बावजूद आन्दोलनकारी किसानों ने अपना धैर्य नहीं छोड़ा। हुड्डा ने कहा कि आंदोलन के लिए कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा की गलत नीतियां जिम्मेदार है। उसने ही किसानों पर उनकी सहमति के बिना तीन कृषि कानून थोपे हैं।