धर्मशाला, 27 मई (निस)
पेंपा सीरिंग ने गुरुवार को केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के अध्यक्ष एवं निर्वासित तिब्बती सरकार के तीसरे प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण कर ली। कोरोना काल और कोरोना कर्फ्यू के चलते शपथ ग्रहण कार्यक्रम मैकलोड़गंज स्थित तिब्बती सुप्रीम जस्टिस कमिश्नर के कार्यालय में बेहद सादे तरीके से आयोजित हुआ। तिब्बती धार्मिक गुरु दलाई लामा ने पेंपा सेरिंग को अपने निवास स्थल से वर्चुअली आशीर्वाद दिया। इससे पहले निर्वतमान सिक्योंग डॉ
लोबसंग सांग्ये ने पेंपा सेरिंग को कदम सिशि डेकी की मुहर सौंपी।
ये मुहर सातवें दलाई लामा की मानी जाती है। इसे सत्ता हस्तांतरण के वक्त सिक्योंग यानि प्रधानमंत्री के सुपुर्द किया जाता है। इसके साथ ही डा. सांग्ये व शपथ ग्रहण में मौजूद आचार्य यशी फुंत्सोक ने पेंपा को खतका भेंट किया। डा. सांग्ये ने नए प्रधानमंत्री पेंपा को बधाई देते हुए तिब्बत मुद्दों को चीन सहित विश्व पटल पर उठाने की उम्मीद जताई है। अपना कार्यभार संभालने के बाद पेंपा सेरिंग ने कहा कि मीडिया से बातचीत में कहा कि तिब्बत मुद्दे को लेकर चीन सरकार तक निर्वासित तिब्बती सरकार का संदेश पहुंचाना प्राथमिकता रहेगी। दलाईलामा और निर्वासित तिब्बती संसद की मंजूरी के बाद चीन के साथ तिब्बत मुद्दे को लेकर बातचीत
की जाएगी।
तिब्बत के समाधान के प्रति प्रतिबद्ध : दलाईलामा
दलाईलामा ने कहा है कि हम मध्य मार्ग के माध्यम से तिब्बत के लिए एक समाधान खोजने की उम्मीद कर रहे हैं और हम इसके लिए प्रतिबद्ध भी हैं। दलाईलामा ने कहा कि अगर चीन थोड़ा और समझने का प्रयास करे तो हम पारस्परिक रूप से इसका समाधान निकाल सकने में सफल होंगे। दलाईलामा ने ये बात सिक्योंग के शपथ ग्रहण के दौरान वर्चुअली शामिल होने के दौरान कही। उन्होंने कहा कि इस समय पूरे विश्व मे बहुत बदलाव हो रहे हैं, खासकर चीन में। दलाईलामा ने कहा कि हमारा निर्वासित समुदाय वास्तव में लोकतांत्रिक तरीके से चल रहा है जिसे कोई भी देख सकता है। बौद्ध धर्म की महान परंपरा को हम तर्क और विज्ञान के साथ अपनी संस्कृति के रूप में संरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।