चंडीगढ़, 16 जनवरी (ट्रिन्यू)
मेवात माडल स्कूलों के शिक्षा विभाग में समायोजन की अधिसूचना जारी होने के बाद कर्मचारियों में डर का माहौल पैदा हो गया है। जिसको लेकर टीचिंग एवं नान टीचिंग स्टाफ में अधिसूचना में लगाई गई शर्तों से भारी नाराजगी है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने कहा कि मेवात डेवलपमेंट एजेंसी (एमडीए) द्वारा संचालित इन स्कूलों में कार्यरत नियमित टीचर को तदर्थ बनाना और एचटेट की शर्त थोपना सरासर अन्याय है। जिसको किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने अधिसूचना में लगाई गई सभी अनावश्यक शर्तों को हटाकर अधिसूचना को रिवाइज कर जो जैसे रूप में कर्मचारी कार्यरत है, उनको उसी रूप में बगैर शर्तों के टेक आवर करने की मांग की है। उन्होंने एमडीए की रेगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत नियमित होने के पात्र कर्मचारियों को बिना किसी देरी के नियमित करने की भी मांग को प्रमुखता से उठाया है।
मेवात मॉडल स्कूल्स इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सतीश खटाना व महासचिव निसार अहमद ने अधिसूचना को लेकर अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि इन स्कूलों में कार्यरत कर्मचारी सरकार द्वारा संचालित मेवात विकास अभिकरण के अधीन चल रहे थे, मेवात विकास अभिकरण ने कर्मचारियों की पूर्व में सभी भर्ती विज्ञापन व साक्षात्कार के माध्यम से की हुई थी।
कर्मचारियों के साथ धोखा
कर्मचारी उस समय की गई सभी भर्तियों की मापदंडों पर खरे उतरते हुए उन को नियुक्ति पत्र जारी करे थे। अब जारी अधिसूचना में कर्मचारियों पर हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा की शर्त लगा अयोग्य घोषित कर एडहॉक का नियुक्ति पत्र देकर कर कर्मचारियों के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान हुई कर्मचारियों की मृत्यु को लेकर कोई एक्सग्रेसिया रोजगार स्कीम के तहत आश्रितों को नौकरी नहीं दी और ना ही कोई अन्य लाभ दिया। यह आश्रितों के साथ धोखा है।
सरकार ने बात नहीं मानी तो होगा आंदोलन
मेवात विकास प्राधिकरण की पूर्व में चल रही पांच वर्ष की पॉलिसी के तहत कर्मचारियों को नियमित न कर कांट्रेक्ट पर कर्मचारियों को लेना अन्याय है। मेवात मॉडल स्कूल्स इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव निसार अहमद के अनुसार अगर इन शर्तों को हटाया नहीं गया तो सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले मेवात मॉडल स्कूलों के कर्मचारी आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।