पानीपत, 9 फरवरी (निस)
प्रदेश सरकार की तरफ से बिना एनओसी के रजिस्ट्री करने पर पानीपत के सात तहसीलदारों, 6 नायब तहसीलदारों, 11 रजिस्ट्री कलर्कों व 10 पटवारियों पर नियम सात के तहत कार्रवाई करने के आदेश पानीपत के डीसी को दिए हैं। सरकार ने 3 अप्रैल 2017 से लेकर 13 अगस्त 2021 तक हुई रजिस्ट्रियों की जांच करवाई तो पानीपत जिला में बिना एनओसी के 302 रजिस्ट्रियां हुई मिली और उनमें सबसे ज्यादा 230 रजिस्ट्रियां बापौली तहसील में हुई मिली है। पानीपत के 13 तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों में सबसे ज्यादा 8 तहसीलदार व नायब तहसीलदार भी बापौली तहसील के ही है, जिनपर कार्रवाई करने के आदेश दिये गये है। जबकि पानीपत तहसील के चार व मतलौडा तहसील का सिर्फ एक तहसीलदार शामिल है। बापौली तहसील के नायब तहसीलदार जगदीश चंद्र के समय में सबसे ज्यादा इस तरह की 126 रजिस्ट्रियां हुई थी। सरकार द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद बुधवार को दिनभर बापौली सहित अन्य तहसीलों व दूसरे कार्यालयों में इस बात की चर्चा होती रही कि कौन से तहसीलदार व नायब तहसीलदार ने बिना एनओसी के कितनी रजिस्ट्रियां की है।
बता दें कि उस वक्त दो कनाल से कम कृषि भूमि की रजिस्ट्री के लिये डीटीपी से एनओसी लेनी पड़ती थी। डीटीपी अशोक गर्ग ने बताया कि अब दो कनाल रकबे को बढ़ा कर एक एकड़ कर दिया गया है और एक एकड़ से कम कृषि भूमि के लिये डीटीपी की एनओसी जरूरी कर दी गई है। बापौली तहसील में सबसे ज्यादा इस तरह की 230 रजिस्ट्रियां होने के बावजूद अभी भी बापौली तहसील क्षेत्र के गांवों में कृषि भूमि पर अवैध कालोनियों काटी जा रही है।