नयी दिल्ली, 19 मार्च (एजेंसी)
पश्चिम बंगाल में मतदान केंद्रों के 100 मीटर के भीतर राज्य पुलिस के कर्मियों को उपस्थित रहने की अनुमति नहीं देने के चुनाव आयोग के कथित फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को चुनाव आयोग से मिला। सांसदों ने आरोप लगाया कि बंगाल में निष्पक्ष चुनाव ‘वास्तविकता से बहुत दूर’ होता जा रहा है। सौगत रॉय, यशवंत सिन्हा, मोहम्मद नदीमुल हक, प्रतिमा मंडल और महुआ मोइत्रा सहित टीएमसी संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के कदम को ‘पक्षपातपूर्ण’ बताया।
चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा गया कि यह अब स्पष्ट हो रहा है कि पश्चिम बंगाल में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव वास्तविकता से दूर होता जा रहा है। यह भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा राज्य में होने जा रहे चुनाव के संबंध में लिए गए पक्षपातपूर्ण कदम से स्पष्ट है। पहले उदाहरण के तौर पर, मीडिया में यह बताया गया है कि ईसीआई ने मतदान केंद्रों के 100 मीटर के भीतर राज्य पुलिस की मौजूदगी की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है और ऐसी जगहों पर केवल केंद्रीय बलों की तैनाती होगी। यदि यह सही है, तो यह निर्णय असामान्य है और जो पश्चिम बंगाल में पुलिस प्रशासन की प्रतिष्ठा पर गंभीर आक्षेप लगाता है।
पुराने भाजपा नेता रो रहे : ममता
एगरा, (एजेंसी) : पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने टीएमसी छोड़ने वाले नेताओं को गद्दार बताते हुए कहा कि यह अच्छी बात है कि उन्होंने खुद ही पार्टी छोड़ दी, लेकिन इन दलबदलुओं ने भाजपा के पुराने नेताओं को नाराज कर दिया, क्योंकि भगवा पार्टी ने अपने वफादारों के ऊपर दलबदलू को तरजीह देते हुए मैदान में उतारा है। इससे पुराने भाजपा नेता रो रहे हैं। एगरा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने भाजपा पर दंगा, लूट और हत्या की राजनीति करने का आरोप लगाया, और सभी से अपने इलाकों में दिखाई देने वाले ऐसे बाहरी लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया।