नयी दिल्ली, 18 जनवरी (एजेंसी)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कांग्रेस की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर आरोप लगाया कि उसने देवास मल्टीमीडिया को राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्य से इस्तेमाल होने वाला एस-बैंड स्पेक्ट्रम देकर ‘धोखाधड़ी’ की और ‘निंदनीय’ सौदा किया। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार अब करदाताओं के पैसे बचाने के लिए हर अदालत में लड़ रही है, अन्यथा यह राशि मध्यस्थता फैसले के भुगतान में चली जाती, जो देवास ने 2005 के सौदे को रद्द करने पर जीता है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 जनवरी को देवास मल्टीमीडिया के परिसमापन को इस आधार पर बरकरार रखा कि इसे धोखाधड़ी के इरादे से अंजाम दिया गया था। उनकी यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है, जब देवास के शेयरधारकों ने 1.29 अरब डॉलर की वसूली के लिए विदेशों में भारतीय संपत्तियों को जब्त करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। देवास को इस धनराशि की भरपाई का आदेश अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरणों ने दिया था। देवास को पेरिस में भारतीय संपत्तियों को जब्त करने के लिए फ्रांसीसी अदालत ने आदेश दिया है और कंपनी कनाडा में एयर इंडिया के धन को जब्त करने की मांग भी कर रही है।
सरकार देवास मल्टीमीडिया के परिसमापन को सही ठहराने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर विदेशों में अपनी परिसंपत्तियों की जब्ती को चुनौती देगी। सीतारमण ने कोर्ट के फैसले के कुछ अंश उद्धृत करते हुए कहा, ‘यह कांग्रेस का कांग्रेस के लिए और कांग्रेस द्वारा किया गया फरेब है।’