नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 15 जनवरी
हरियाणा प्रदेश भाजपा ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच कानूनों के प्रति सकारात्मक माहौल बनाने का मोर्चा संभाल लिया है। शुक्रवार को यहां प्रदेश के आधे हलकों की अचानक बुलाई बैठक में पार्टी के नेताओं को विरोध से निपटने के कारगर उपाय करने की जिम्मेदारी दी गई। जिलाध्यक्षों, लोकसभा व विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे नेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे गली-गली, गांव-गांव जाएं और कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर की चिट्ठी पढ़वाकर कानूनों के बारे में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करें।
कैमला में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सभा के आक्रामक विरोध के बाद केंद्रीय नेतृत्व इस बात से नाराज बताया जा रहा है कि पार्टी नेता कृषि कानूनों पर लोगों के बीच उपजे भ्रम को दूर करने के लिए प्रभावी प्रयास नहीं कर रहे। जिसके बाद प्रदेश संगठन ने किसानों व आमजन से संवाद करने की जिम्मेदारी ली है। शुक्रवार को फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, रोहतक और करनाल लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले 44 हलकों के लोकसभा व विधानसभा प्रत्याशी रहे नेताओं, सभी छह जिलों के जिलाध्यक्षों, महामंत्रियों, विस्तारकों की बैठक हुई। इसमें नामित लोगों को ही शामिल होने की अनुमति थी। बैठक में सांसद व प्रदेश महामंत्री संजय भाटिया, संदीप जोशी, प्रदेश सरकार में मंत्री मूलचंद शर्मा, ओमप्रकाश यादव, विधायक अभय यादव, निर्मल चौधरी, संजय सिंह, प्रवीण डागर, दीपक मंगला, लक्ष्मण यादव, मनीष ग्रोवर भी पहुंचे। प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने उपस्थित नेताओं को निर्देश दिए कि कृषि कानूनों पर व्याप्त भ्रम दूर किए जाने की जरूरत है और इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की चिट्ठी का हवाला देते हुए कहा कि इसमें कृषि कानूनों की विस्तृत जानकारी है। इसलिए इस चिट्ठी को गली-गली, गांव-गांव जाकर पढ़वाया जाए। उन्होंने कहा, ‘इस संवेदनशील समय में सभी कार्यकर्ताओं को कृषि मंत्री तोमर के साथ खड़ा होना है ताकि किसान हित में जो फैसले लिए गए हैं उन्हें लागू कराया जा सके।’
बैठक में महेंद्रगढ़ जिले के एक विधायक ने जब मुख्यमंत्री की सभा के विरोध का हवाला देते हुए अपना भी इस तरह से विरोध होने की आशंका प्रकट की तो धनखड़ बोले, ‘विरोध होता है तो हो लेकिन लोगों तक अपनी बात पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। हमें उनकी भी चिंता करनी है जो विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें विरोध वाले कारण की पूरी जानकारी नहीं है।’ सांसद संजय भाटिया ने इस कार्य को मिशन के तौर पर करने की बात कही। बैठक में 6 लोकसभा क्षेत्रों से एकमात्र सांसद संजय भाटिया ही पहुंचे थे जबकि केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत भी बैठक में उपस्थित नहीं रहे।
दिल्ली से मिले हैं निर्देश
दो दिन पहले ही कृषि कानूनों पर हरियाणा में गठबंधन सरकार का पक्ष जानने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला, प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ से चर्चा की थी। बताया जा रहा है दिल्ली से निर्देश मिलने के बाद ही संगठन को मैदान में उतारा गया है। इसी के चलते आनन फानन में यह रणनीति तैयार कर इस पर काम भी शुरू कर दिया।