पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 16 जनवरी
रविवार को किसानों की अहम बैठक हो रही है। कुंडली बार्डर पर होने वाली संयुक्त मोर्चा की इस बैठक में 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड को लेकर फाइनल रणनीति बनेगी। इसका ऐलान किसान सोमवार 18 जनवरी को देर शाम तक करेंगे क्योंकि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है और नवगठित कमेटी की भी बैठक होनी है। किसान हालांकि इस बैठक का बहिष्कार कर चुके हैं लेकिन बावजूद इसके सारे पहलुओं के सामने आने के बाद ही किसान ट्रैक्टर परेड के बारे में जानकारी देंगे।
तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर 52 दिन से कुंडली बार्डर पर धरने पर बैठे किसान 17 जनवरी को अहम बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा 26 जनवरी को निकाली जाने वाली ट्रैक्टर परेड है। बैठक में यह तय किया जाना है कि यह परेड कहां-कहां से निकलेगी, इसके लिए रूट प्लान क्या रहेगा और कौन-कहां से इसमें शिरकत करेगा।
किसानों का कहना है कि वे अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं। 18 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर भी उनकी नजर है। इसमें एक याचिका ट्रैक्टर परेड पर रोक लगाने के लिए भी दाखिल है। इस पर सुप्रीम कोर्ट का क्या रुख रहता है, किसान इस पर निगाह रखे हुए हैं। किसान नेताओं का कहना है कि मंगलवार को शाम तक 26 को हो रही ट्रैक्टर परेड के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी और रूट भी तय कर दिया जाएगा। इससे पहले किसानों ने कई दौर की बैठक की है। अब फाइनल बैठक 17 को होगी और इसके बाद ड्राफ्ट बना दिया जाएगा। इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन (अ) ने महिला किसान अधिकार दिवस को लेकर भाजपा नेताओं के आवास घेरने की योजना बनाई है। भाकियू (अ) के राष्ट्रीय महासचिव शमशेर सिंह दहिया का कहना है कि महिलाएं शांतिपूर्वक मार्च करते हुए नेताओं के आवास पर जाएंगी और कृषि कानूनों पर सरकार से बातचीत के लिए ज्ञापन देंगी, ताकि सरकार पर उनके विधायक और सांसदों का भी दबाव बने।
एनआईए ने भेजे समन
नयी दिल्ली (एजेंसी) : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने किसान आंदोलन से जुड़े 12 से ज्यादा लोगों को समन भेजे हैं। इनमें लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी के प्रधान बलदेव सिंह सिरसा, अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे, पत्रकार बलतेज पन्नू, सिख यूथ फेडरेशन भिंडरांवाला के उपप्रधान रंजीत सिंह दमदमी टक्साल, परमजीत सिंह अकाली, सुरिंदर सिंह ठीकरीवाला आदि का नाम शामिल है। अधिकारियों के अनुसार सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़े एक केस के संबंध में इन लोगों को अलग-अगल तारीखों पर दिल्ली बुलाया गया है।