सोनीपत, 17 जनवरी (हप्र)
तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने और एमएसपी की गारंटी को लेकर 53 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में विभिन्न राजनैतिक दलों ने दिल्ली में बैठक करके जन संसद करने का ऐलान किया है। दो दिनी इस जन संसद को लेकर हुई बैठक में पूर्व सैनिकों के कई संगठन भी शामिल हुए, तो हरियाणा से भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी पहुंचे। इसे लेकर संयुक्त मोर्चा में रार शुरू हो गई है। हालांकि उन्होंने साफ कर दिया है कि इस बैठक का संयुक्त मोर्चा से कोई सरोकार नहीं है, वह व्यक्तिगत संगठन के रूप में शामिल हुए। इधर, इस मामले को लेकर संयुक्त मोर्चा ने स्पष्ट कर दिया है कि अभी वह कोई निर्णय इस पर नहीं ले रहे हैं। पहले गुरनाम सिंह चढूनी और एडवोकेट प्रशांत भूषण से पूछा जाएगा कि जन संसद का उद्देश्य और प्रारूप क्या होगा। ताकि इसके बाद इस पर निर्णय लिया जा सके। इस दौरान यह बात भी उठी कि राजनैतिक लोगों के साथ बैठक करने के चलते कार्रवाई की जाए। इस पर संयुक्त मोर्चा ने स्पष्ट कहा कि बिना पूरी जानकारी लिए वह कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। पहले पता करेंगे कि मामला क्या है।
दूसरी ओर, किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने ट्रिब्यून को बताया कि वह व्यक्तिगत तौर पर इसमें शामिल होने के लिए आए हैं। ये बैठक राजनैतिक दलों और दूसरे संगठनों की है। इसमें उन्होंने तीन कानूनों को लेकर किसानों के समर्थन में जन संसद दिल्ली में करने का फैसला किया है। इस जनसंसद को लेकर भी स्पष्ट है कि इसमें संयुक्त मोर्चा का कोई सरोकार नहीं है। इधर, संयुक्त मोर्चा के सदस्य डा. दर्शनपाल का कहना है कि बैठक के बारे में उनको जानकारी मिली है। इसके बारे में गुरनाम चढूनी से बातचीत करेंगे और प्रशांत भूषण से भी पूछा जाएगा कि मीटिंग का प्रारूप क्या है। इसमें किस तरह से जन संसद का आयोजन हो रहा है। यह साफ है कि किसान किसी राजनैतिक दल के साथ मंच सांझा नहीं करेंगे और ना ही आंदोलन को राजनैतिक दलों के लिए मंच मुहैया कराएंगे।