उमेश गोयल/अस
नरवाना, 16 मई
नरवाना के उपमंडल सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर हैैं। डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ व सुविधाओं की भारी कमी के चलते शहर की लगभग 65 हजार की आबादी इलाज के लिये प्राइवेट डॉक्टरों की शरण लेने को मजबूर हैै। इसके अलावा आसपास के गांवों से भी रोजाना सैकड़ों मरीज अस्पताल पहुंचते हैं।
अस्पताल का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल ने जुलाई, 1975 को किया था, तब इसकी क्षमता 50 बिस्तरों की थी। इसे 1986 में अपग्रेड करके 100 बिस्तरों का कर दिया गया, लेकिन यहां डॉक्टरों व सुविधाओं की कमी हमेशा बनी रही। वर्तमान में सर्जन, फिजिशियन व अन्य विशेषज्ञों सहित डॉक्टरों की 42 पोस्ट स्वीकृत हैं, जिनमें से 36 खाली हैं। ओपीडी में रोजाना आने वाले औसतन 500 मरीजों को अपनी बारी का घंटों इंतजार करना पड़ता है।
डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की कमी बारे उच्चाधिकारियों को कई बार पत्र लिख चुके हैं। विभाग द्वारा नये डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की हुई है। नई भर्ती के बाद अस्पताल में डॉक्टरों के पद भरे जाने की उम्मीद है। डेंटल चेयर तथा आंखों की कुछ मशीनों की डिमांड भी विभाग को भेजी हुई है।
-डॉ.देवेंद्र बिंदलिश, एसएमओ, उपमंडल नागरिक अस्पताल, नरवाना।