नारनौल, 29 दिसंबर (हप्र)
क्षेत्र के गांव गोद, बलाह कलां, बलाह खुर्द एवं भांखरी गांवों की कृषि भूमि की सिंचाई के लिए सिंचाई विभाग ने लगभग 30 करोड़ रुपए की लागत से एक सिंचाई योजना मंजूर की है। इसका टेंडर होने के बाद एजेंसी को काम भी अलाट किया जा रहा है। यह योजना सीवर के साफ किए हुए पानी को सिंचाई के लिए इस्तेमाल करने की एक महत्वपूर्ण परियोजना का हिस्सा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दौचाना माइनर के अंतिम छोर पर पड़ने वाले इन गांवों में नहर का पानी नहीं पहुंच रहा है। इन गांवों की जमीन बहुत ही उपजाऊ है। नारनौल शहर में तीन सीवरेज प्लांट पब्लिक हेल्थ, एचएसवीपी एवं नगर पालिका के अधीन काम कर रहे हैं। इन प्लांटों का पानी एक जगह एकत्रित करके लगभग 15 किलोमीटर लंबी डीआई पाइप लाइन द्वारा इन गांवों में पहुंचाया जाएगा। इन गांवों की जमीन के आन्तरिक वितरण की व्यवस्था के अधीन 14 किलोमीटर से अधिक लम्बी पाइप लाइन खेतों के अंदर बिछाई जाएंगी। इनमें 3 माइनरों से इन चारों गांवों को पानी सप्लाई करने की व्यवस्था की जाएगी।
इस व्यवस्था के तहत कुल उपलब्ध पानी लगभग 5.67 क्यूसेक होगा, जो रबी एवं खरीफ की दोनों फसलों में 2300 एकड़ प्रति फसल जमीन को सिंचित करेगा। इसके तहत पानी को लगभग 40 मीटर के उठान के लिए 7 पंप अलग-अलग क्षमता के लगाए जाएंगे और इस परियोजना पर कुल 29 करोड़ 52 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है। इस योजना को इसके मूल स्थान पर नहर से भी जोड़ा जाएगा ताकि नहर में पानी की उपलब्धता के दौरान नहर का पानी भी उक्त गांवों को मिलता रहे।
इस संबंध में विधायक डॉ. अभय सिंह यादव ने कहा कि इस परियोजना की सबसे विशेष बात यह है कि सीवर का संशोधित पानी लगातार मिलते रहने के कारण उक्त क्षेत्र में पानी की उपलब्धता निश्चित हो जाएगी तथा किसान सामान्य फसलों के अलावा फल, सब्जियां एवं अन्य खेती भी कर पाएंगे। विभाग का यह प्रयास रहेगा की अगले छह माह में यह योजना पूर्ण कर ली जाए ताकि किसान इसका लाभ ले सके।