सुरेखा शर्मा
बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. ओमप्रकाश सेतिया द्वारा ‘ऋग्वेद उद्यान से चुने पुष्प’ शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक वास्तव में ही जीवन पथ को सुगंधित करने वाले ज्ञानवर्धक पुष्पों से सुवासित है। जिनकी सुवास से मनुष्य निराशा के गहन अंधकार से मुक्त होकर अपने जीवन के ध्येय को प्राप्त करने में सफल हो सकता है। यह कृति आध्यात्मिक, वैचारिक एवं ज्ञानवर्धक जीवन की अमूल्य निधि है।
ऋग्वेद विश्व का आदि ज्ञान-विज्ञान काव्य ग्रंथ है, जिसमें लगभग 378 कवि (ऋषि) और 29 कवयित्रियां (ऋषिकाएं) हैं। इनकी कविताओं को ऋक् या ऋचा कहते हैं। ऋचाओं का संग्रह ही ‘ऋग्वेद’ है। उन्हीं ऋषियों की वाणी को लेखक ने सरल हिन्दी में अनुवाद करके पाठकों के समक्ष रखा है। नई पीढ़ी को वेदों में छिपे खजाने से अवगत कराने का यह दुष्कर कार्य एक भगीरथ के प्रयास के समान है। संस्कृत आज की पीढ़ी के लिए कठिन भाषा बनती जा रही है, इसलिए लेखक ने संस्कृत के साथ-साथ हिन्दी में भी अनुवाद किया है। डॉ. सेतिया ने इस रुचिपरक व प्रेरणादायक कार्य को करने का महत्वपूर्ण संकल्प लिया। निश्चय ही वे साधुवाद के पात्र हैं। यह लेखक का स्तुत्य प्रयास है।
‘वेदअखिलो धर्ममूलम्। ओंकार वेद निरमाए’ अर्थात् पूरे विश्व में वेद ही धर्म का मूल है। ईश्वर ने वेद बनाए हैं।
वेद उपदेश देता है कि ‘मनुर्भव जनया दैव्यम जनम्’ अर्थात् तू मनुष्य बन क्योंकि मनुष्य बनने पर तो सारा संसार ही तेरा परिवार होगा। वेद यह भी कहता है ‘यत्र विश्वं भवत्येकनीडम्’ अर्थात् हम इस संसार को एक घोसला समझें। इस प्रकार वेदों का अध्ययन करना, सुनना-सुनाना हम सब का प्रथम व परम धर्म है।
डाक्टर सेतिया द्वारा सकारात्मक पहल है। इससे पूर्व भी उनकी पुस्तकें ‘विद्वता के मोती’ व वैदिक ज्ञान पर आधारित ‘नित्यकर्म और वृहद यज्ञ की सनातन पद्धति’ से पाठक लाभान्वित हो चुके हैं।
‘ऋग्वेद के उद्यान से चुने पुष्प’ शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक में 200 मंत्रों का संचयन वह भी हिन्दी अनुवाद, भावार्थ के साथ। सभी मंत्र ईश्वर का स्वरूप, स्तुति, प्रार्थना, उपासना को स्पष्ट करते हुए गृहस्थ जीवन, धर्म, विद्या, प्राकृतिक क्रियाकलापों से पुरुषार्थ करते हुए रहने का संदेश देते हैं।
इस पुस्तक को पढ़कर हृदयंगम करने वाले कभी निराश नहीं होंगे अपितु दूसरों को भी कर्म पथ व आध्यात्मिक पथ की सकारात्मक दिशा में बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। पुस्तक सकारात्मक विचारों वाले सूत्रों का संग्रह व उनकी व्याख्या है। लेखक का मानना है कि ये सूत्र हमें जीवन के विविध पक्षों से साक्षात परिचय तो कराते हैं ही, इनमें अन्तर्निहित ज्ञान, गहन चिंतन की ओर प्रेरित भी करते हैं। सभी ऋचाएं अत्यंत सारगर्भित एवं कंठस्थ करने योग्य हैं।
पुस्तक : ऋग्वेद उद्यान से चुने पुष्प लेखक : डॉ. ओमप्रकाश सेतिया प्रकाशक : मोहिन्द्रा पब्लिशिंग हाउस, चंडीगढ़ पृष्ठ : 108 मूल्य : रु. 120.