अम्बाला शहर, 8 जून (हप्र)
आज शहर स्थित कल्पना चावला महिला बहुतकनीकी संस्थान में एक दिवसीय नशा मुक्ति जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी डॉ. अशोक कुमार वर्मा मुख्य वक्ता रहे। उन्होंने विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने का पाठ पढ़ाया।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मनुष्य कोई भी कड़वा आहार जैसे नीम इत्यादि का सेवन नहीं करता है ठीक उसी प्रकार अफीम, चरस, हेरोइन, चिट्टा स्मैक, हशीश, चुरा पोस्टत, गांजा, भांग, नशे की गोलियां, नशे के टीके आदि मनुष्य के सेवन के लिए नहीं बने हैं। मादक पदार्थ एवं नशीली औषधियों के अधिनियम में कठोर से कठोर दंड का प्रावधान रखा गया है। अनेक मामलों में न्यायालयों द्वारा मृत्यु दंड भी दिया गया है और अब तो ऐसे कारोबार करने वाले लोगों की सम्पति तक को जब्त किया जा रहा है।
हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 2020 में हरियाणा में एनसीबी का गठन इस उद्देश्य से किया गया है कि हरियाणा को पूर्ण रूप से नशा मुक्त किया जाए। उन्होंने बताया कि हरियाणा में नशे का बढ़ते हुए प्रकोप को आंकड़ों से समझा जा सकता है कि वर्ष 2020 में केवल 365 दिनों में एनडीपीएस अधिनियम के अंतर्गत 2746 अभियोग अंकित हुए थे जिसमे 3975 अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा गया था लेकिन यह कारोबार थम नहीं रहा है।
आज यह नशा हरियाणा में बहुत अधिक भयंकर रूप ले चुका है। अंत में संस्थान में उपस्थित सभी ने जीवन में नशा न करने की शपथ लेते हुए, नशा को समाप्त करने में सहयोग का आश्वासन दिया।
इस मौके पर संस्थान की प्राचार्या डॉ. विन्दू आनंद ने आश्वासन दिया कि वे इस अभियान में सहयोग करेंगे।