रामकृष्ण उपाध्याय/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 15 जून
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की मौजूदा जज की बेटी कल्याणी सिंह को गिरफ्तार करते हुए अंतर्राष्ट्रीय शूटर सुखमनप्रीत सिंह सिद्धू उर्फ सिप्पी सिद्धू की हत्या के मामले को सुलझाने का दावा किया है। कल्याणी सिंह को बुधवार सुबह सीबीआई ने जांच में शामिल होने के लिए बुलाया और गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद कल्याणी को विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुखदेव सिंह के सामने पेश किया गया, जिन्होंने कल्याणी को 4 दिन के सीबीआई रिमांड पर भेज दिया।
सीबीआई के लोक अभियोजक नरेंद्र सिंह ने 10 दिन के रिमांड की मांग करते हुए अदालत को बताया कि अब तक की जांच से पता चला है कि एक अज्ञात हमलावर और आरोपी कल्याणी सिंह ने मृतक सिप्पी सिद्धू को गोलियां चलाकर मार डाला था। अज्ञात हमलावर एवं हथियार की बरामदगी का हवाला देते हुए आरोपी के 10 दिन के रिमांड की मांग की गयी।
सीबीआई का कहना है कि कल्याणी मृतक सिप्पी सिद्धू के साथ करीबी रिश्ते में थी। वह उससे शादी करना चाहती थी, लेकिन सिप्पी सिद्धू के माता-पिता ने प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। दूसरी तरफ सिप्पी सिद्धू ने अपने माता-पिता और दोस्तों को उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें लीक कर दीं। सीबीआई ने दावा किया कि सिप्पी सिद्धू की इस हरकत से कल्याणी सिंह और उसके परिवार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी। कल्याणी सिंह ने सिप्पी को फोन कर चंडीगढ़ के सेक्टर-27 स्थित पार्क में मिलने के लिए बुलाया जहां सिप्पी की हत्या हुई। सीबीआई का दावा है कि 20 सितंबर को सेक्टर-27 पार्क में सिप्पी सिद्धू के साथ आरोपी कल्याणी सिंह की मौजूदगी की पुष्टि करने वाले सबूत हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि एक अज्ञात हमलावर और आरोपी कल्याणी सिंह ने सिप्पी सिद्धू को गोलियों से भून डाला। सीबीआई का कहना है कि इससे पूर्व पूछताछ के दौरान कल्याणी सवालों का जवाब देने के बजाय टालमटोल कर रही थी। यही नहीं, पॉलीग्राफ टेस्ट में भी वह संदिग्ध पाई गई थी।
उधर, आरोपी की ओर से पेश वकील सरतेज सिंह नरूला ने रिमांड का कड़ा विरोध किया और कहा कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि मामला सात साल पहले दर्ज किया गया था और छह साल से अधिक समय से यह सीबीआई के पास था। एसजेएम ने मामले को पुराना माना, साथ ही कहा कि मामले की योग्यता पर टिप्पणी किए बिना और जांच एजेंसी को सर्वोत्तम संभव सबूत एकत्र करने और अपराध के पीछे की वास्तविक कहानी को उजागर करने का प्रयास करने की सुविधा के लिए, चार दिन की रिमांड पर्याप्त होगी।
चंडीगढ़ के सेक्टर-27 पार्क में 20 सितंबर 2015 की रात एक वकील सिप्पी सिद्धू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सिप्पी की हत्या के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया था। लेकिन पुलिस मामले को सुलझा नहीं पाई।
इसके बाद मामला 2016 में सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया था। लेकिन 6 साल की जांच के बाद सीबीआई भी मामले में दोषियों को खोजने में विफल रही और दिसंबर 2020 में अन-ट्रेस रिपोर्ट दायर की। लेकिन रिपोर्ट को अस्पष्टता के चलते अदालत द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था। इसके बाद अदालत ने सीबीआई को मामले में आगे की जांच जारी रखने की अनुमति दी और निष्कर्ष के बाद अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया। अब इस पर फिर से एक्शन शुरू हुआ है।
आरोपी को वकील से मिलने की अनुमति : कोर्ट ने हिरासत के दौरान आरोपी को अपने वकील से मिलने की इजाजत दे दी है। वकील ने अदालत के समक्ष दलील दी कि सीबीआई हिरासत के दौरान मुवक्किल को उसके वकील से मिलने की अनुमति दी जाए और उसे अपने कपड़े पहनने की अनुमति दी जाए। अनुरोध पर विचार करने के बाद अदालत ने कहा कि आरोपी के वकील जांच प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने या हस्तक्षेप किए बिना उपस्थित रह सकते हैं। अदालत का यह भी कहना है कि आरोपी को पर्याप्त सुरक्षा दी जाए और अगली पेशी से पहले उसका चिकित्सकीय परीक्षण हो।