रजनी अरोड़ा
मौसम खुशगवार होने लगा है। सर्दी की चुभन कम है, गर्मी की तपिश अभी दूर है। ऐसे में आप अपनी बगिया में ला सकते हैं बहार। यानी बगीचे में कई पौधे कटिंग से आसानी से लगा सकते हैं।
फरवरी महीने में ह्यूमिडिटी लेवल बहुत अच्छा होता है यानी न ज्यादा ठंड होती है, न ज्यादा गर्मी। इस समय कटिंग बहुत अच्छी तरह लग जाती है। सर्दियों में गमले की मिट्टी अक्सर सूखती नहीं है, नमी बनी रहती है। यह समय है गर्मियों में लगने वाले पौधों की प्रूनिंग करने का। कटिंग वाले पौधों को कोकोपीट, मिट्टी औेर रेत के मिश्रण से तैयार गमले में लगाया जा सकता है। आइये जानते हैं कुछ ऐसे ही पौधों के बारे में-
सिल्वर डस्ट : इसकी जड़ों के पास छोटे-छोटे नये पौधे निकलते हैं जिन्हें आप काट कर नया पौधा बना सकते हैं। पौधे को वेल ड्रेन मिट्टी में लगाएं जिसमें थोड़ी सी नमी बनी रहे।
कैलेंचु : देसी या हाइब्रीड दोनों तरह के कैलेंचु कटिंग और पत्ते से लग जाते हैं। इनकी कटिंग ऐसी मिट्टी में लगाएं जिसमें रेत ज्यादा मिला हो क्योंकि यह एक सैकुलेंट परमानेंट पौधा है।
इसमें गुलाबी, सफेद, पीला, ओरेंज और लाल रंग के फूल आते हैं।
बोट लिली : ऊपर से ग्रीन और नीचे की तरफ से पर्पल- दो रंग की पत्तियों वाला यह पौधा कटिंग से आसानी से लगाया जा सकता है। यह बहुत जल्दी ग्रो करता है और पूरे गमले को भर देता है।
टर्टल वाइन : हैंगिंग बास्केट के लिए यह एक खूबसूरत फोलिएज पौधा है जिसकी पत्तियां बहुत खूबसूरत होती हैं। सर्दियों में इसे भी आसानी से कटिंग से लगाया जा सकता है।
मनी प्लांट : सर्दियों में यह डोरमेंसी में चला जाता है, लेकिन फरवरी आते-आते दोबारा ग्रो होने लगता है। फरवरी में इसे कटिंग से भी आसानी से लगाया जा सकता है। 4-5 नोड्स वाली कटिंग लेना बेहतर है। इसकी पत्तियों के साथ छोटी-सी जड़ होती है, जिसे वैल ड्रेन मिट्टी में लगाने से पौधा आसानी से लग जाता है।
डैफिन्बेकिया : लंबे-लंबे सफेद-हरे पत्तों वाला यह पौधा काफी आकर्षक होता है। जब भी आपका पौधा लंबा हो जाए तो उसे काट कर दोबारा लगाएं।
यूफोर्बिया मिली : पौधे की छोटी सी टहनी लेकर उसी समय भी लगा सकते हैं या एक-दो दिन सुखा कर भी लगा सकते हैं। सुखाने पर इसमें से निकलने वाला दूध की तरह का तरल पदार्थ निकल जाता है, जिससे कटिंग आसानी से लग जाती है। इसकी मिट्टी में रेत ज्यादा मिलाएं।
कोलियस : रंग-बिरंगी पत्तियों वाला खूबसूरत पौधा है। फरवरी तक कोलियस के पौधे काफी बड़े हो जाते हैं जिससे इनकी कटिंग करनी चाहिए। आसानी से लग जाते हैं।
पेडिलेंथस या डेविल्स बैक बोन : इस पौधे की पत्तियां हरे और सफेद-पीले पैच वाली होती हैं। यह कम धूप और कम पानी में भी ग्रो कर सकता है। थोड़ी-सी मोटी कटिंग से यह आसानी से ग्रो कर जाता है। कटिंग काटने के बाद इसे 2-3 दिन सुखाना पड़ता है।
अडेनियम : इनकी कटिंग को एक भाग रेत और एक भाग कोकोपीट या एक भाग रेत और एक भाग मिट्टी में लगाएं। लगाने से पहले कटिंग को 3-4 दिन सुखाने के बाद लगाएं ताकि इसमें से निकलने वाले तरल सूख जाए।
गुड़हल : इसकी प्रूनिंग करने से पौधा घना तो होता ही है, कटिंग से नये पौधे भी लग जाते हैं। गुडहल चाहे हाईब्रीड हो या देसी-किसी भी आकार की कटिंग ग्रो हो जाता है।
वंडरिंग ज्यू : सुंदर चमकदार रंग-बिरंगी पत्तियों वाला पौधा है। छोटी सी कटिंग से लग जाती है।
जेड प्लांट : लकी प्लांट माना जाता है। यह इंडोर और आउटडोर दोनों जगह चल जाता है। कटिंग से आसानी से लग जाता है।
मोगरा, चांदनी : इसमें गर्मी के मौसम में खुशबूदार फूल खिलते हैं। इसकी ब्राउन रंग की डंडी के बीच में नोड जाइंट से कटिंग आसानी से लग जाती है
चंपा : इसकी कटिंग को पहले 1-2 दिन के लिए सुखा लें ताकि इसमें से निकलने वाला सफेद रंग का तरल सूख जाए। टहनी के ऊपरी हिस्से की कटिंग लगाएं।
पेंसिल कैकटस : सैकुलेंट वैराइटी का पौधा है। छोटी सी कटिंग से लग जाता है। पानी की ज्यादा ज़रूरत नही होती। इस पौधे के ऊपर छोटे-छोटे पत्ते आते हैं।
क्रोटोन : बहुत सारी वैराइटी होती है। रेतीली मिट्टी में इसकी कटिंग लगाकर नए पौधे बना सकते हैं।
ड्रेसीना : इसकी हरेक वैराइटी को आप फरवरी में आसानी से कटिंग से लगा सकते हैं। जहां से पौधे की कटिंग की जाती है, वहां से इसकी कई शाखाएं निकल आती हैं और पौधा घना बन जाता है। बेबी सनरोज : गर्मियों में छोटे-छोटे फूल देने वाला पौधा है। छोटे से छोटे डिब्बे, बोतल में भी कटिंग से आसानी से लग जाता है।