नोएडा, 10 मार्च (एजेंसी)
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लगातार दूसरी बार सत्ता में आ रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बृहस्पतिवार को ‘नोएडा का मिथक’ कही जाने वाली धारणाओं को धराशायी करने की ओर बढ़ गए हैं। ऐसा कहा जाता रहा है कि गौतमबुद्ध नगर जिले में नोएडा का दौरा करने वाला उत्तर प्रदेश का कोई भी मुख्यमंत्री सत्ता में वापस नहीं आता। मार्च 2007 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाली मायावती उस साल अपने करीबी सतीश मिश्रा के रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए नोएडा गई थीं। 2012 में राज्य की सत्ता से उनके बाहर होने के साथ ही यह मिथक बरकरार रहा। इससे पहले, उनके पूर्ववर्ती तथा समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव, भाजपा के राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह अपने मुख्यमंत्री पद के कार्यकाल के दौरान नोएडा आए ही नहीं।
साल 2012 मेंमुख्यमंत्री बनने वाले अखिलेश यादव ने व्यक्तिगत रूप से नोएडा न आने के सिलसिले को बरकरार रखा। यादव साल 2013 में नोएडा में हुए एशियाई विकास बैंक सम्मेलन में शरीक नहीं हुए थे। उस सम्मेलन में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मुख्य अतिथि थे। 2017 में उत्तर प्रदेश की कमान संभालने वाले आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद से दर्जनों बार नोएडा का दौरा कर चुके हैं।