जम्मू, 24 जून (हप्र)30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा 2022 के लिए अग्रिम यात्री पंजीकरण और हेलीकाप्टर टिकटों को मिलाकर आंकड़ा तीन लाख के पार हो गया है। इसमें बैंक शाखाओं में पंजीकरण के साथ हेलीकाप्टर टिकट पाने के लिए शिव भक्तों की भीड़ पहुंच रही है। गत अप्रैल से शुरू हुई अग्रिम पंजीकरण प्रक्रिया में देशभर की बैंक शाखाओं में ढ़ाई लाख यात्रियों ने पंजीकरण करवा लिया है, जबकि 40000 से अधिक यात्रियों ने हेलीकाप्टर के लिए पंजीकरण करवाया है। हेलीकाप्टर की टिकट पाने वाले यात्रियों को अग्रिम पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी और उनकी टिकट ही पंजीकरण मानी जाएगी लेकिन उन्हें कंपलसरी हेल्थ सर्टिफिकेट लाना जरूरी है।
इस बीच इस बार यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की सेहत की जांच के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। लखनपुर से लेकर बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा के बाहर तक विशेषज्ञ डाक्टरों को तैनात किया जा चुका। इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जम्मू संभाग में कठुआ से बनिहाल तक 136 स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं। इनमें एक-एक डाक्टर के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ की भी नियुक्ति की जा चुकी है।
30 जून से जम्मू कश्मीर अब भक्तिमय होने जा रहा है। दो महीनों तक राज्य प्रशासन सभी कामकाज छोड़ कर उन धार्मिक यात्राओं से जूझने जा रहा है जो कई बार भारी भी साबित हुई हैं। इनमें सबसे अधिक लम्बी और भयानक समझी जाने वाली अमरनाथ यात्रा है जिसको क्षति पहुंचाने के लिए अगर आतंकी कमर कस चुके हैं तो सुरक्षाबल भी।
अमरनाथ यात्रा समेत कई धार्मिक यात्राएं जुलाई और अगस्त के दौरान राज्य में संपन्न होती हैं। अधिकतर एक से 7 दिनों तक चलने वाली होती हैं मगर अमरनाथ यात्रा इस बार 43 दिनों तक चलेगी। मतलब 43 दिनों तक राज्य प्रशासन की सांस गले में इसलिए भी अटकी रहती है क्योंकि आतंकी उसे क्षति पहुंचाने का कोई अवसर खोना नहीं चाहते हैं। 6 दिनों के बाद अमरनाथ यात्रा का पहला आधिकारिक दर्शन होगा। सेना समेत अन्य सुरक्षाबलों ने एक माह पहले से ही सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया हुआ है। हजारों केरिपुब जवानों को भी तैनात किया जा चुका है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर डेढ़ लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में जुट गए हैं फिर भी यह चिंता का विषय इसलिए बनी हुई है क्योंकि सूचनाएं और खबरें कह रही हैं कि आतंकी किसी भी कीमत पर इसे निशाना बनाना चाहते हैं।