कुरुक्षेत्र, 25 जून (हप्र)
देश को आजादी हिंदुओं, मुस्लिमों व सिक्खों के साझे संघर्ष से मिली है। ये शब्द पूर्व सांसद व महिला समिति की राष्ट्रीय नेत्री सुभाषिणी अली ने डॉक्टर ओमप्रकाश ग्रेवाल अध्ययन संस्थान केंद्र में हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति कुरुक्षेत्र द्वारा आयोजित किए गए ‘आजादी की साझी विरासत और 75 वर्ष’ विषय पर आयोजित सेमिनार में कहे। उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन में दो तरह की विचारधाराएं लड़ रही थीं, जिनमें एक विचारधारा क्रांतिकारियों की विचारधारा थी, जिसका नेतृत्व शहीद भगत सिंह व उनके क्रांतिकारी साथी कर रहे थे। दूसरी विचारधारा महात्मा गांधी के नेतृत्व में अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए आजादी का संघर्ष लड़ रही थी। इन दोनों संघर्षों के खिलाफ अंग्रेजों की मदद के लिए घोर सांप्रदायिक विचारधाराएं भी थी, जिनमें आरएसएस, हिंदू महासभा व मुस्लिम लीग थी, जो संघर्ष को कमजोर करने के लिए लोगों को धर्म के आधार पर बांटकर लोगों की एकता को तोड़ने का काम कर रही थीं।
सेमिनार में विज्ञान आंदोलन कार्यकर्ता, किसान, कर्मचारी, स्कीम वर्कर, छात्र, वकील, मजदूर, बुद्धिजीवी, महिला, आदि उपस्थित रहे। इस अवसर पर शहीद यादगार समिति का गठन भी किया गया जिसका चेयरमैन श्रीप्रकाश मिश्रा, अध्यक्ष गुरमेज सिंह व सचिव नरेश कुमार को चुना गया। समिति के अन्य सदस्य ओम प्रकाश, लाल देवी, अनिल कुमार, रोशन लाल, विनोद, हरपाल, सुशील कुमार, अरुण कुमार बीर सिंह, पिंकी, रानी, रमेश मुखीजा, संतोष, दयानंद, गीता, तरसेम, रोशनी देवी व दर्शनी को चुना गया।