नयी दिल्ली, 26 जून (एजेंसी)
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रविवार को कहा कि भारत को अस्थिर पश्चिमी और उत्तरी सीमा पर मौजूद स्थिति को ‘दो मोर्चों’ के तौर पर देखना चाहिए और उसी के अनुरूप तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने यह बात चीन और पाकिस्तान के दोहरे सैन्य खतरे से उत्पन्न होने वाली संभावित चुनौतियों का संदर्भ देते हुए कही।
वायुसेना प्रमुख ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘भविष्य में भारत पर सभी मोर्चों से हमला हो सकता है, जिसमें सैन्य गतिरोध से लेकर दुष्प्रचार और ब्लैकआउट तक शामिल है। ऐसे में भारत के सुरक्षा सिद्धांत और क्षमताओं को इन आशंकाओं का मुकाबला करने में सक्षम होना चाहिए।’
यह पूछने पर कि क्या यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रमकता चीन को एलएसी पर और अधिक आक्रमक रुख अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी, उन्होंने कहा कि वैश्विक घटनाओं से भारत-चीन संबंधों पर पड़ने वाले असर का सभी स्तरों पर आकलन किया जा रहा है। पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध के बीच चीन द्वारा एलएसी के पास तेजी से हवाई संसाधन तैनात करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘वायुसेना जरूरत पड़ने पर बहुत सीमित समय में इच्छित कार्रवाई कर सकती है।’ उन्होंने कहा कि भारत की सैन्य अभियान योजना, क्षमता विकास और प्रशिक्षण दोनों मोर्चों पर खतरों से निपटने के लिए होना चाहिए।