नयी दिल्ली, 22 जून (एजेंसियां)
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई और आईसीएसई की 12वीं का रिजल्ट तैयार करने के फार्मूले पर मुहर लगा दी है। आज सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि ये जनहित में लिया गया फैसला है।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार और बोर्ड दोनों ही छात्रों को लेकर चिंतित हैं, इसलिए परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया।
सुप्रीमकोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि परीक्षा तो रखी गई है, यदि आप उपस्थित होना चाहते हैं तो आप हो सकते हैं यदि आप परीक्षा देने के इच्छुक हैं तो आप दे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम परीक्षा रद्द करने के निर्णय का समर्थन कर चुके हैं। उल्लेखनीय है कि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एजी से पूछा था कि क्या छात्रों को शुरू में ही मौका नहीं दिया जा सकता था कि वो लिखित परीक्षा या आंतरिक मूल्यांकन में से कोई एक विकल्प चुन लें? इस पर एजी ने कहा कि ये सुझाव छात्रों के हित में नहीं है। स्कीम के तहत छात्रों को दोनों विकल्प मिल रहा है, अगर वह आंतरिक मूल्यांकन में मिले नंबरों से संतुष्ट नहीं, तो लिखित परीक्षा का विकल्प चुन सकते हैं, लेकिन अगर वो सिर्फ लिखित परीक्षा चुनते हैं, तो फिर आंतरिक मूल्यांकन में मिले नंबर नहीं गिने जाएंगे। बाद में जस्टिस महेश्वरी ने भी कहा कि शुरु में छात्रों को पता ही नहीं होगा कि उन्हें आंतरिक मूल्यांकन में कितने नम्बर मिलेंगे, लिहाजा लिखित परीक्षा /आतंरिक मूल्यांकन में से एक को चुनना उनके लिए भी मुश्किल होगा।