नयी दिल्ली, 24 जून (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बृहस्पतिवार को सर्वदलीय बैठक में शामिल अधिकांश राजनीतिक दलों ने जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने की मांग उठाई। बैठक के बाद भाजपा नेता कविंद्र गुप्ता ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों को विश्वास दिलाया कि परिसीमन की प्रक्रिया समाप्त होते ही पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने बैठक के बाद कहा कि अनुच्छेद 370 निरस्त करने के दौरान केंद्र ने आश्वासन दिया था कि उपयुक्त समय पर जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हमने कहा कि अब समय आ गया है कि पूर्ण राज्य के दर्जे को बहाल किया जाए। अभी शांति भी है और चुनाव कराने का इससे अनुकूल समय नहीं हो सकता।’ उन्होंने कहा कि सरकार लोकतंत्र को मजबूत कराने की बात करती है तो उसे राज्य में तुरंत विधानसभा चुनाव कराना चाहिए। आजाद ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार राज्य का दर्जा बहाल करने और चुनाव कराने को लेकर वचनबद्ध है, लेकिन उससे पहले परिसीमन प्रक्रिया पूरी होना जरूरी है।
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग ने भी कहा कि केंद्र की ओर से बैठक में आश्वासन दिया गया कि परिसीमन की प्रक्रिया खत्म होते ही चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
पिछले लगभग 2 साल में पहली बार जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेतृत्व के साथ वार्ता का हाथ बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने वहां के 14 नेताओं के साथ अहम बैठक की। प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर लगभग साढ़े 3 घंटे चली इस बैठक में पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के 4 पूर्व मुख्यमंत्री और 4 पूर्व उपमुख्यमंत्री समेत कई नेता शामिल हुए। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मौजूद थे।
चुनाव के लिए तेजी से हो परिसीमन : मोदी
सर्वदलीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर कहा, ‘हमारी प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना है। परिसीमन तेज गति से होना चाहिये, ताकि जम्मू-कश्मीर में चुनाव हो सकें और वहां एक चुनी हुई सरकार बने, जिससे चौतरफा विकास को मजबूती मिले।’ चर्चा और विचारों के आदान-प्रदान को लोकतंत्र की बड़ी मजबूती करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैंने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा कि लोगों को, विशेषकर युवाओं को जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक नेतृत्व प्रदान करना है और उनकी आकांक्षाओं की पूर्ति सुनिश्चित करना है।’
विश्वास की तुरंत बहाली हो : फारूक
नेशनल काॅन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने बैठक के बाद कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जे को समाप्त किए जाने को वह कानूनी एवं संवैधानिक माध्यम से चुनौती देते रहेंगे। ‘विश्वास खत्म हो गया है और उसे तुरंत बहाल करने की जरूरत है और उसके लिए केंद्र को जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली की दिशा में काम करना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि राज्य के दर्जे का मतलब है कि जम्मू-कश्मीर के आईएएस और आईपीएस काडर को भी वापस करना। पूर्ण राज्य होना चाहिए।’
पाक से भी हो बात : महबूबा
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बैठक के बाद कहा, ‘असंवैधानिक तरीके से 370 को हटाया गया, वहां के लोगों को यह मंजूर नहीं। हम प्रजातांत्रिक, संवैधानिक तरीके से उसकी बहाली की लड़ाई लड़ेंगे। ये हमें पाकिस्तान से नहीं मिला था। हमने कहा कि आप चीन के साथ बात कर रहे हैं, जहां लोगों की भागीदारी नहीं है। अगर जम्मू-कश्मीर के लोगों को सुकून मिलता है तो पाकिस्तान से बात करनी चाहिए। हमारा व्यापार बंद है। उसे लेकर बात की जानी चाहिए।’