दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 24 मार्च
जी-23 नेताओं के साथ हरियाणा कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासन का हल निकालने के लिए कांग्रेस हाईकमान गंभीर दिख रहा है। ग्रुप-23 के नेताओं के साथ गांधी परिवार की लगातार बैठकें और संवाद हो रहा है। इस बीच, शुक्रवार को हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को राहुल गांधी ने नई दिल्ली में वार्ता के लिए बुलाया है। माना जा रहा है कि बैठक में हरियाणा के नेताओं के बीच चल रहे घमासान का समाधान निकल सकता है।
दूसरी ओर, बैठक से पहले बृहस्पतिवार को पूर्व मंत्री व तोशाम विधायक किरण चौधरी ने कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित 5 राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के बाद नेतृत्व ‘जागा’ है और नेताओं की नाराज़गी दूर करने की कवायद शुरू की है। साथ ही, भविष्य का रोडमैप भी तैयार हो रहा है, जिससे भविष्य में हिमाचल प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के चुनावों को लेकर रणनीति तय हो सके। दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व एक-एक करके सभी राज्यों के नेताओं से रूबरू हो रहा है। हरियाणा में कांग्रेस की कमान पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा के हाथों में है। सैलजा के नेतृत्व को पिछले साल हुड्डा खेमे के विधायक चुनौती दे चुके हैं। डेढ़ दर्जन से अधिक विधायकों ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करके हुड्डा को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपने की मांग भी की थी। विवाद के चलते ही पिछले करीब 8 वर्षों से राज्य में संगठन का गठन नहीं हो सका है।
बताते हैं कि किरण चौधरी ने भी सोनिया से मुलाकात के दौरान हरियाणा के राजनीतिक हालात के अलावा प्रदेश में संगठन नहीं होने का मुद्दा उठाया। किरण की गिनती गांधी परिवार के नजदीकियों में होती है। जब उनसे इस बारे में बात की गई तो उन्होंने इसे शिष्टाचार भेंट बताया। खबरें तो यह भी हैं कि किरण ने कई अहम मुद्दों के बारे में सोनिया गांधी को बताया।
राहुल गांधी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल, प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा, पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, पूर्व मंत्री किरण चौधरी व कैप्टन अजय सिंह यादव, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा तथा कांग्रेस वर्किंग कमेटी के विशेष आमंत्रित सदस्य व आदमपुर विधायक कुलदीप बिश्नोई भी मौजूद रहेंगे।
काे-ऑर्डिनेशन कमेटी का गठन संभव
प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के बीच चल रहे सियासी घमासान को रोकने व इससे पार्टी को हो रहे नुकसान से निपटने के लिए पार्टी नेतृत्व हरियाणा में काे-ऑर्डिनेशन कमेटी का गठन कर सकता है। इस कमेटी में अधिकांश वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया जा सकता है। कमेटी में केंद्रीय नेतृत्व से भी कुछ प्रतिनिधि हो सकते हैं, जिससे नेताओं में समन्वय बना रहे।
संगठन के गठन पर भी हो सकती है चर्चा
डॉ़ अशोक तंवर करीब 6 वर्षों तक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। कुमारी सैलजा को भी प्रधान बने दो साल से अधिक हो चुके हैं। तंवर ने प्रदेशाध्यक्ष बनने के कुछ दिन बाद ही प्रदेश, जिला व ब्लाक कार्यकारिणी को भंग कर दिया था। वे कांग्रेस छोड़कर ही चले गए, लेकिन कभी संगठन का गठन नहीं कर सके। यही स्थिति सैलजा की है। 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से अभी तक हुए सभी आमचुनाव व उपचुनाव कांग्रेस ने बिना संगठन के ही लड़े हैं।