दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 26 मार्च
पंजाब की नयी-नवेली सरकार के सामने बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है। प्रदेश के थर्मल प्लांटों के पास कोयले का पर्याप्त स्टॉक नहीं है। सूत्रों की मानें तो प्राइवेट थर्मल प्लांटों के पास महज एक सप्ताह का स्टॉक बचा है। सरकारी थर्मल प्लांटों में दो सप्ताह का कोयला उपलब्ध है। तीन प्लांटों में बिजली उत्पादन क्षमता से कम हो रहा है। वहीं, लगातार बढ़ रही गर्मी और फसलों के कटाई सीजन में बिजली की मांग अधिक होगी। ऐसे में यदि जल्द प्रबंध नहीं हुआ तो लोगों को पावर कट का सामना करना पड़ सकता है।
दरअसल, कोयले के दाम बढ़ने की वजह से थर्मल प्लांट संचालकों ने खरीद नहीं की। बड़ी बात यह है कि सरकार ने पावरकॉम को ग्रामीण क्षेत्र में आपूर्ति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन इस नयी समस्या के चलते चुनौती बढ़ गई है। बिजली उत्पादन कम होने की वजह से आपूर्ति बढ़ा पाना फिलहाल संभव नहीं होगा।
पिछले साल पंजाब के लोगों को 20 दिनों तक गंभीर बिजली संकट का सामना करना पड़ा था। पूर्व की कांग्रेस सरकार को नेशनल ग्रिड से बिजली खरीदनी पड़ी थी। उस समय विपक्ष में रहते हुए आम आदमी पार्टी ने निजी कंपनियों से बिजली खरीद का विरोध किया था। अब आम आदमी पार्टी सत्ता में है और फिर से वही बिजली संकट पैदा होता दिख रहा है।
कहां आ रही है दिक्कत : कोयले की कीमतों में 340 प्रतिशत तक वृद्धि हो चुकी है। कोयले की ई-नीलामी सीआईएल द्वारा की जाती है। इसके अलावा ढुलाई पर रेलवे द्वारा 15 प्रतिशत प्रीमियम लिया जाता है। कोयले की कीमतें स्थिर नहीं होने के कारण निजी कंपनियों ने खरीद कम कर दी है, जिसका खमियाजा आने वाले दिनों में पंजाब के लोगों को भुगतना पड़ सकता है।
3 प्लांटों में उत्पादन घटा
- राजपुरा थर्मल प्लांट की क्षमता 1400 मेगावाॅट है, यहां 1320 मेगावाॅट उत्पादन हो रहा है। इस प्लांट में छह दिन का कोयला बचा है।
- गोइंदवाल साहिब थर्मल प्लांट की क्षमता 540 मेगावाॅट है, इस समय केवल 270 मेगावाॅट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इस प्लांट में तीन दिन का कोयला बचा है। प्लांट की तीन में से दो यूनिट बंद हो चुकी हैं।
- रोपड़ स्थित सरकारी थर्मल प्लांट की क्षमता 840 मेगावाॅट बिजली उत्पादन की है। यहां कोयला तो 20 दिन का बचा हुआ है, लेकिन उत्पादन 585 मेगावाॅट ही हो रहा है।
- तलवंडी साबो थर्मल प्लांट की क्षमता 1980 मेगावाॅट उत्पादन की है। यहां कोयला चार दिन का बचा है। पांचवें दिन यहां उत्पादन गिर सकता है।
- लहरा मोहब्बत थर्मल प्लांट में दो सप्ताह से अधिक समय का कोयला उपलब्ध है। यहां क्षमता के अनुसार 1925 मेगावाॅट बिजली का उत्पादन हो रहा है।
‘पंजाब में कोयले का संकट है। यह सही बात है। सभी अधिकारियों से थर्मल प्लांटों को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों से भी बात की गई है। पंजाब के अधिकारियों की एक टीम को झारखंड भेजा गया है। अगले दो से तीन दिन में हालात सामान्य हो जाएंगे। धान के सीजन में किसानों को किसी तरह से बिजली संकट नहीं आने दिया जाएगा। पंजाब वासियों को भी गर्मी के मौसम में कोई दिक्कत नहीं होगी।’
– हरभजन सिंह ईटीओ, बिजली मंत्री, पंजाब