वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा डीसी और एसपी को नोटिस जारी करने के बाद जिला स्तर पर कार्रवाई शुरू हो गई है। प्रदेश में पराली जलाने में फतेहाबाद दूसरे नंबर पर आने के बाद पराली जलने से रोकने में नाकाम रहे फील्ड स्टाफ पर एक्शन लिया जा रहा है। इस बार खेतों में पराली जलाने से रोकने में पुलिस की भी ड्यूटी लगाई गई थी। एसपी सिद्धांत जैन ने जिले में पराली जलाने से रोकने के लिए थाना प्रभारी, ईआरवी वैन सहित राइडरों की ड्यूटी लगाई थी। जिला प्रशासन ने पराली जलाने पर कई गांवों में 50 किसानों पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया था लेकिन फिर भी पराली खूब जली। जिस पर एसपी ने 4 पुलिस कर्मचारियों को संस्पेंड कर दिया है। जिसमें फतेहाबाद शहर थाना का ईएएसआई, हुड्डा चौकी का एएसआई, ट्रैफिक पुलिस का एक कर्मचारी व टोहाना सदर का एक कर्मचारी शामिल है। इसके अलावा 23 पुलिस कर्मचारियों को ड्यूटी में कोताही बरतने पर नोटिस जारी किया गया है। एसपी ने सभी थाना प्रभारियों को गश्त तेज करने के आदेश दिए हैं।
वायु गुणवत्ता काफी खराब होने को लेकर डीसी ने डॉ. विवेक भरती ने आदेश देते हुए धारा 163 के अंतर्गत शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले में किसी भी सार्वजनिक अथवा अधिकृत स्थान पर ठोस अपशिष्ट पदार्थ, प्लास्टिक अथवा कचरा जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
कई कृषि अधिकारी और कर्मचारियों को भी नोटिस
वहीं, पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में विफल मानते हुए कृषि विभाग के 3 सब डिविजन टोहाना, रतिया और फतेहाबाद के नोडल अधिकारी को नोटिस जारी किया है। वहीं ब्लॉक नोडल अधिकारी टोहाना, जाखल व रतिया को नोटिस जारी हुआ है। 11 विलेज लेवल नोडल अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं। बृहस्पतिवार तक जिला फतेहाबाद में 75 फायर लोकेशन में से 32 सही नहीं मिलीं हैं।

