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अबू धाबी में त्रिवेणी संगम के दर्शन

पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन आज राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर से बना

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संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में नवनिर्मित बीएपीएस हिंदू मंदिर में गंगा और यमुना नदियों के पवित्र जल से तैयार घाट। - प्रेट्र
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अबू धाबी, 13 फरवरी (एजेंसी)

गंगा और यमुना का पवित्र जल, राजस्थान का गुलाबी बलुआ पत्थर, भारत से पत्थरों को लाने में इस्तेमाल किए लकड़ी के बक्सों से बना फर्नीचर... अबू धाबी का पहला हिंदू मंदिर भारत के विभिन्न हिस्सों के योगदान से बना वास्तुकला का एक अनूठा उदाहरण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को इस मंदिर का उद्घाटन करेंगे।

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मंदिर के दोनों ओर गंगा और यमुना का पवित्र जल बह रहा है, जिसे बड़े-बड़े कंटेनर में भारत से लाया गया है। मंदिर प्राधिकारियों के अनुसार, जिस ओर गंगा का जल बहता है, वहां पर एक घाट के आकार का एम्फीथिएटर बनाया गया है। इस मंदिर के प्रमुख स्वयंसेवी विशाल पटेल ने कहा, ‘इसके पीछे का विचार इसे वाराणसी के घाट की तरह दिखाना है, जहां लोग बैठ सकें, ध्यान लगा सकें और उनके जहन में भारत में बने घाटों की यादें ताजा हो जाएं। जब पर्यटक अंदर आएंगे तो उन्हें जल की दो धाराएं दिखेंगी, जो सांकेतिक रूप से भारत में गंगा और यमुना नदियों को दर्शाती हैं। त्रिवेणी संगम बनाने के लिए मंदिर की संरचना से रोशनी की किरण आएगी, जो सरस्वती नदी को दर्शाएगी।’ दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाईवे पर अल रहबा के समीप स्थित बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) का यह मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बनाया गया है। मंदिर के अग्रभाग पर बलुआ पत्थर पर उत्कृष्ट संगमरमर की नक्काशी है, जिसे राजस्थान और गुजरात के कुशल कारीगरों द्वारा 25,000 से अधिक पत्थर के टुकड़ों से तैयार किया गया है। मंदिर के लिए उत्तरी राजस्थान से अच्छी-खासी संख्या में गुलाबी बलुआ पत्थर अबू धाबी लाया गया है। मंदिर स्थल पर खरीद और सामान की देखरेख करने वाले विशाल ब्रह्मभट्ट ने बताया कि मंदिर के निर्माण के लिए 700 से अधिक कंटेनर में दो लाख घन फुट से अधिक ‘पवित्र’ पत्थर लाया गया है। उन्होंने कहा, ‘गुलाबी बलुआ पत्थर भारत से लाया गया है।’

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बक्सों की लकड़ी से बनाया फर्नीचर

जिन लकड़ी के बक्सों और कंटेनर में पत्थरों को अबू धाबी लाया गया है, उनका मंदिर में फर्नीचर बनाने में इस्तेमाल किया गया है। बीएपीएस के लिए अंतर्राष्ट्रीय संबंध के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहारीदास ने कहा यह फर्नीचर मंदिर में प्रार्थना सभागार, कैफेटेरिया, सामुदायिक केंद्र आदि में रखा गया है।

खाड़ी क्षेत्र में सबसे बड़ा

इस मंदिर का निर्माण कार्य 2019 से चल रहा है। मंदिर के लिए जमीन संयुक्त अरब अमीरात ने दान में दी है। संयुक्त अरब अमीरात में तीन और हिंदू मंदिर हैं, जो दुबई में स्थित हैं। अद्भुत वास्तुशिल्प और नक्काशी के साथ एक बड़े इलाके में फैला बीएपीएस मंदिर खाड़ी क्षेत्र में सबसे बड़ा मंदिर होगा।

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