वाशिंगटन/बीजिंग, 5 फरवरी (एजेंसी)
अमेरिकी सेना ने अटलांटिक महासागर में चीन के एक संदिग्ध जासूसी गुब्बारे को मार गिराया है और इसके मलबे से सभी उपकरण बरामद करने का अभियान शुरू किया है। वहीं, चीन ने रविवार को इस कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उसके असैन्य मानवरहित हवाई जहाज के खिलाफ बल प्रयोग को लेकर अमेरिका को गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी दी। अमेरिका के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने वाशिंगटन में पत्रकारों को बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन के निर्देश पर अमेरिकी सेना ने स्थानीय समयानुसार दोपहर दो बजकर 39 मिनट पर दक्षिण कैरोलाइना में अमेरिकी तट से करीब 9.65 किलोमीटर दूर अटलांटिक महासागर में चीन के निगरानी गुब्बारे को मार गिराया। उन्होंने कहा कि गुब्बारे को मार गिराने के दौरान अमेरिकी नागरिकों को जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। रक्षा अधिकारी के मुताबिक, वर्जीनिया में लांगले वायुसेना अड्डे से उड़ान भरने वाले लड़ाकू विमान ने एक मिसाइल छोड़ी, जिससे गुब्बारा अमेरिका के वायु क्षेत्र के भीतर महासागर में जा गिरा। बाइडन ने मैरीलैंड में पत्रकारों से कहा, ‘मैंने उन्हें गुब्बारे को मार गिराने का निर्देश दिया था।’ उन्होंने कहा, ”बुधवार को जब मुझे गुब्बारे की जानकारी दी गई थी, तो मैंने पेंटागन को इसे जल्द से जल्द मार गिराने का आदेश दिया था। उन्होंने (पेंटागन) जमीन पर किसी को नुकसान पहुंचाए बिना ऐसा करने का निर्णय लिया और इसके लिए सबसे उपयुक्त समय तब मिला, जब गुब्बारा समुद्र के ऊपर था।’ चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने रविवार को चीन के विदेश मंत्रालय के एक बयान का हवाला देत हुए कहा कि बीजिंग ने चीन के असैन्य मानवरहित यान पर हमला करने के लिए अमेरिका द्वारा बल प्रयोग करने को लेकर कड़ा विरोध जताया है। बयान के अनुसार, ”अमेरिका द्वारा बल प्रयोग पर जोर देना वास्तव में एक अनावश्यक प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया का गंभीर उल्लंघन है। चीन इसकी प्रतिक्रिया में आगे कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखते हुए प्रासंगिक कंपनी के वैध अधिकारों और हितों को दृढ़तापूर्वक बनाए रखेगा।’ चीन ने दावा किया कि यह गुब्बारा महज एक मौसम अनुसंधान ”हवाई जहाज” था। बीजिंग के मुताबिक, उसने सत्यापन के बाद अमेरिका को बार-बार सूचित किया कि यह गुब्बारा असैन्य प्रकृति का है और अमेरिका में इसका प्रवेश अप्रत्याशित घटना के कारण हुआ। चीन के अनुसार, उसने अमेरिका से इस मामले से शांतिपूर्वक, पेशेवर और नियंत्रित तरीके से निपटने को कहा था। रक्षा अधिकारियों ने अमेरिकी मीडिया को बताया कि मलबा दक्षिण कैरोलाइना में मिरटल बीच के पास गिरा और सेना अब 11 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले मलबे को बरामद करने का प्रयास कर रही है। अधिकारी के मुताबिक, घटनास्थल पर कई जहाज और गोताखोर मौजूद हैं। इसके अलावा, संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के अधिकारी और अन्य खुफिया प्राधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। अधिकारी ने कहा, ‘गुब्बारे को मार गिराने से अमेरिका, चीन के संवेदनशील उपकरण बरामद कर सकता है। मैं ज्यादा जानकारियां नहीं दे सकता, लेकिन हम गुब्बारे और उसमें मौजूद उपकरणों का अध्ययन कर पाएंगे।’ राष्ट्रपति बाइडन पर तब से इस गुब्बारे को मार गिराने का दबाव था, जब रक्षा अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को सबसे पहले घोषणा की कि थी कि वे इस पर नजर रख रहे हैं। गुब्बारे को मार गिराए जाने के बाद बाइडन ने कहा, ‘उन्होंने चीनी गुब्बारे को सफलतापूर्वक मार गिराया और मैं इस अभियान को अंजाम देने वाले विमान चालकों को बधाई देना चाहता हूं।’ अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने इसे गर्व का पल बताया। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि गुब्बारे का मलबा आसानी से बरामद हो सकता है और इसमें ‘अपेक्षाकृत कम समय’ लगने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में मदद करने के लिए ‘नौसेना के सक्षम गोताखोरों’ को तैनात किया जा सकता है। एक अन्य वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने बताया, ‘चीन के पास इस तरह के निगरानी गुब्बारों का एक बेड़ा है। वेनेजुएला और कोलंबिया के आसमान में भी इस सप्ताह ऐसे ही गुब्बारे उड़ते हुए देखे गए।’ चीनी गुब्बारे को मार गिराए जाने की घटना से अमेरिका-चीन के संबंधों में तनाव बढ़ सकता है। पेंटागन ने इसे अमेरिकी संप्रभुता का ‘अस्वीकार्य उल्लंघन’ करार दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बीजिंग से कहा कि यह ”एक गैरजिम्मेदाराना कृत्य” है। उन्होंने 5 से 6 फरवरी तक होने वाली अपनी चीन यात्रा भी स्थगित कर दी थी। बहरहाल, चीन ने उनकी यात्रा रद्द होने को ज्यादा तवज्जो न देते हुए शनिवार को एक बयान में कहा कि किसी भी पक्ष ने ऐसी यात्रा की औपचारिक घोषणा नहीं की थी।