वाशिंगटन, 3 नवंबर (एजेंसी) अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने ‘फाइज़र’ के कोविड-19 रोधी टीके की बच्चों के मुताबिक तैयार खुराक 5 से 11 वर्ष के बच्चों को देने की मंगलवार को अनुमति दे दी। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने 5 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों को टीके की खुराक देने की अनुमति पहले ही दे दी थी। यह खुराक वयस्कों और किशोरों को दी जाने वाली खुराक की एक तिहाई है। लेकिन एफडीए द्वारा स्वीकृत टीके किसे दिए जाएं इसकी औपचारिक अनुशंसा रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) करता है। एक सलाहकार पैनल के सर्वसम्मति से ‘फाइज़र’ के टीके की खुराक 2.8 करोड़ बच्चों को दिए जाने का फैसला करने के कुछ ही घंटों बाद सीडीसी की निदेशक डॉ. रोशेल वेलेंस्की ने उक्त घोषणा की। इस फैसले के साथ ही पहली बार अमेरिका में 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोविड-19 रोधी टीके लग पाएंगे। वेलेंस्की ने मंगलवार रात को एक बयान में कहा, ‘एक मां होने के नाते, मैं सभी अभिभावकों को कहना चाहती हूं कि वे बाल विशेषज्ञों, स्कूल की नर्स या स्थानीय चिकित्सकों से टीके के बारे में और जानकारी लें तथा बच्चों के टीकाकरण के महत्व को समझें।’ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे एक महत्वपूर्ण फैसला बताया। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘इससे अभिभावकों की उनके बच्चों को लेकर कई महीनों से बनी चिंता खत्म हो गई…यह वायरस से निपटने की दिशा में हमारे देश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।’
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।