काबुल (एजेंसी) : अफगानिस्तान ने रविवार को दावा किया कि एक अभियान के दौरान उसने अलकायदा के एक शीर्ष प्रचारकर्ता को मार गिराया जो एफबीआई की अतिवांछित सूची में था। देश के पूर्वी हिस्से में इस अभियान से वहां आतंकवादी संगठन की मौजूदगी सामने आयी है। हुसाम अब्द अल-राउफ उर्फ अबु मुहसिन अल-मासरी नामक इस अलकायदा नेता की कथित मौत कई सप्ताह से जारी हिंसा के बीच हुई है। इस बीच, अफगान सरकार की तालिबान आतंकवादियों के विरुद्ध लड़ाई जारी है जबकि कतर में पहली बार दोनों पक्षों के बीच शांति वार्ता चल रही हैं। अफगानिस्तान की नेशनल डायरेक्टोरेट ऑफ सेक्युरिटी इंटेलीजेंस सर्विस ने ट्वीट कर इस आतंकी को गजनी प्रांत में मार डालने का दावा किया। अलकायदा ने अल -राउफ की मौत को तत्काल नहीं स्वीकारा है। उधर, एफबीआई, अमेरिकी सेना और नाटो की ओर से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।