काबुल, 17 अगस्त (एपी)तालिबान के एक अधिकारी ने अफगानिस्तान में सभी के लिए ‘आम माफी’ का ऐलान करते हुए महिलाओं से सरकार में शामिल होने की गुजारिश की। इस्लामी अमीरात संस्कृति आयुक्त के सदस्य ईनामुल्लाह समनगनी ने मंगलवार को अफगान के सरकारी टीवी पर यह टिप्पणी की जो अब तालिबान के कब्जे में है। उन्होंने कहा, ‘इस्लामी अमीरात नहीं चाहता है कि महिलाएं पीड़ित हों।’ तालिबान अफगानिस्तान के लिए इस्लामी अमीरात का इस्तेमाल करता है। समनगनी ने कहा, “सरकार का ढांचा पूरी तरह से साफ नहीं है, लेकिन हमारे तजुर्बे के आधार पर, इसमें पूर्ण इस्लामी नेतृत्व होना चाहिए और सभी पक्षों को इसमें शामिल करना चाहिए।”
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।