मोंटेरी पार्क, 23 जनवरी (एजेंसी)अमेरिका के लॉस एंजिलिस में ‘लूनर न्यू ईयर’ के जश्न के दौरान गोलियां चलाकर 10 लोगों की हत्या करने वाला संदिग्ध हमलावर रविवार को एक वैन में मृत मिला। वह गोलीबारी की दूसरी घटना को अंजाम देने में नाकाम रहने के बाद इसी वैन से फरार हुआ था। उसके शरीर पर गोली के निशान हैं। ऐसा माना जा रहा है कि उसने खुद को गोली मार ली। लॉस एंजिलिस के काउंटी शेरिफ रॉबर्ट लूना ने संदिग्ध की पहचान 72 वर्षीय हू कैन त्रान के रूप में की और कहा कि कोई अन्य संदिग्ध फरार नहीं है। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस हमले के पीछे के मकसद का अभी पता नहीं चला है। हमले में 10 अन्य लोग घायल हुए हैं। लूना ने पीड़ितों की उम्र नहीं बतायी, लेकिन वे 50 से अधिक वर्ष की आयु के लगते हैं। सात घायलों का इलाज चल रहा है। संदिग्ध के पास अर्द्ध स्वचालित पिस्तौल थी और एक दूसरी हैंडगन वैन से बरामद की गयी। गौरतलब है कि स्टार बालरूम डांस स्टूडियो में गोलीबारी में 5 महिलाओं और 5 पुरुषों की मौत हो गयी थी, जबकि 10 अन्य लोग घायल हो गए।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।