काठमांडू, 21 मई (एजेंसी)
नेपाल का राजनीतिक संकट शुक्रवार को और गहरा गया जब प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और विपक्षी दलों दोनों ने ही राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी को सांसदों के हस्ताक्षर वाले पत्र सौंपकर नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया। प्रधानमंत्री ओली विपक्षी दलों के नेताओं से कुछ मिनट पहले राष्ट्रपति के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 76 (5) के अनुसार पुन: प्रधानमंत्री बनने के लिए अपनी पार्टी सीपीएन-यूएमएल के 121 सदस्यों और जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल (जेएसपी-एन) के 32 सांसदों के समर्थन के दावे वाला पत्र सौंपा। ‘हिमालयन टाइम्स’ ने सीपीएन-यूएमएल के नेता बिष्णु रिमल के हवाले से कहा कि जेएसपी-एन के अध्यक्ष महंत ठाकुर, जेएसपी-एन संसदीय दल के नेता राजेंद्र महतो और प्रधानमंत्री ओली ने राष्ट्रपति को सौंपे गये पत्र पर हस्ताक्षर किये। इससे पहले नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने 149 सांसदों का समर्थन होने का दावा किया। देउबा प्रधानमंत्री पद का दावा पेश करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के साथ राष्ट्रपति के कार्यालय पहुंचे। खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री ओली ने संसद में अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के लिए एक और बार शक्ति परीक्षण से गुजरने में बृहस्पतिवार को अनिच्छा व्यक्त की थी।