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अमेरिका में मोदी की मुलाकातों का व्यस्त सिलसिला

आव्रजन और व्यापार का मुद्दा
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वाशिंगटन में बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज। - प्रेट्र
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वाशिंगटन, 13 फरवरी (एजेंसी)

अमेरिका के नये ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडे और उसकी आव्रजन नीति को लेकर भारत में व्याप्त चिंताओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ वार्ता करने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर वाशिंगटन पहुंचे। मोदी ने वाशिंगटन पहुंचते ही अमेरिकी नेताओं से मुलाकातें कीं। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) माइकल वाल्ट्ज से मुलाकात की। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल भी मौजूद रहे। इससे पहले उन्होंने अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात की। मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘इस पद पर तुलसी गबार्ड की नियुक्ति को लेकर उन्हें बधाई दी। भारत-अमेरिका मैत्री के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की, जिसकी वह हमेशा से प्रबल समर्थक रही हैं।’

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ट्रंप की शुल्क नीति से दुनिया भर में मची हलचल के बीच मोदी की यात्रा की संभवत: यह प्राथमिकता होगी कि अमेरिका द्वारा भारत के खिलाफ की जा सकने वाली व्यापार संबंधी किसी भी कार्रवाई को रोका जा सके। भारत-अमेरिका संबंधों पर करीब से नजर रखने वाले विशेषज्ञों ने संभावना जताई कि दोनों पक्ष उच्च शुल्क से बचने और समग्र व्यापार समझौते पर विचार करने के विकल्प की संभावना तलाश रहे हैं। बैठक में मोदी और ट्रंप व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा, प्रौद्योगिकी और आव्रजन जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर व्यापक रूप से ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। बातचीत में आव्रजन और शुल्क जैसे संवेदनशील मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किए जाने की संभावना है।

मोदी की अमेरिका यात्रा ट्रंप द्वारा अमेरिका में वैश्विक इस्पात और एल्यूमीनियम आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क की घोषणा के तुरंत बाद हुई है। इस कदम से अमेरिका को इस्पात और एल्यूमीनियम निर्यात करने वाली भारतीय कंपनियों पर असर पड़ने की आशंका है।

भारत ने पहले ही संकेत दिया है कि वह इस संवेदनशील मुद्दे पर ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अपनाए गए सख्त रुख के विपरीत अपेक्षाकृत समझौतावादी रुख अपनाने के लिए तैयार है। माना जा रहा है कि ‘व्हाइट हाउस’ द्वारा कुछ संयमित रुख अपनाने पर भारत कम से कम 12 क्षेत्रों में शुल्क में कटौती करने पर विचार कर सकता है। मोदी और ट्रंप द्वारा शुल्क पर विशेष चर्चा करने की संभावना नहीं है, लेकिन दोनों नेता व्यापक मुद्दों पर विचार-विमर्श कर सकते हैं। पिछले साल भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 130 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था। दोनों नेताओं के बीच हिंद-प्रशांत, यूक्रेन और पश्चिम एशिया के घटनाक्रम की समग्र स्थिति पर भी चर्चा होने की संभावना है।

ऊर्जा संबंधों दे सकते हैं बढ़ावा

बैठक के दौरान मोदी और ट्रंप ऊर्जा संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि भारत छोटे ‘मॉड्यूलर रिएक्टर’ (एसएमआर) में अमेरिका के साथ असैन्य परमाणु सहयोग की संभावना पर विचार कर रहा है।

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