इस्लामाबाद/दुबई, 5 फरवरी (एजेंसी)
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और 1999 में कारगिल युद्ध की योजना बनाने वाले जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ का रविवार को दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे। मुशर्रफ का पार्थिव शरीर पाकिस्तान लाया जाएगा। दुबई से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किया गया है। पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’ ने एक बयान में कहा, ‘अल्लाह उनकी रूह को सुकून अता फरमाए और शोकसंतप्त परिवार को ताकत दें।’ बताया गया कि सुपुर्द-ए-खाक करने के लिए मुशर्रफ के शव को विशेष विमान से पाकिस्तान लाया जाएगा।
मुशर्रफ पाकिस्तान में अपने खिलाफ आपराधिक आरोपों से बचने के लिए वर्ष 2016 से दुबई में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे थे। वह दुर्लभ बीमारी ‘एमिलॉयडोसिस’ से पीड़ित थे, जिसमें पूरे शरीर के अंगों और ऊतकों में एमिलॉयड नामक एक असामान्य प्रोटीन बनता है। उनकी बीमारी 2018 में सामने आई थी। मुशर्रफ ने ही कारगिल युद्ध की जमीन तैयार की थी जो महीनों तक चला था। यह युद्ध तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लाहौर में भारत के अपने समकक्ष अटल बिहारी वाजपेयी के साथ ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद शुरू हुआ था। कारगिल में मिली नाकामी के बाद मुशर्रफ ने 1999 में तख्तापलट कर तत्कालीन प्रधानमंत्री शरीफ को अपदस्थ कर दिया था और 1999 से 2008 तक विभिन्न पदों- पहले पाकिस्तान के मुख्य कार्यकारी तथा बाद में राष्ट्रपति पद पर रहते हुए पाकिस्तान पर शासन किया था। नवाज शरीफ के छोटे भाई एवं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुशर्रफ के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। चार-स्टार वाले जनरल मुशर्रफ उस वक्त पाकिस्तान के ‘मुख्य कार्यकारी’ थे जब अमेरिका पर 9/11 हमला हुआ था और उन्होंने पड़ोसी अफगानिस्तान में सैन्य हस्तक्षेप के दौरान वाशिंगटन का साथ दिया था। मुशर्रफ ने 2001 में आगरा शिखर सम्मेलन के लिए भारत की यात्रा की थी और वह 2005 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए क्रिकेट मैच को देखने के लिए भी पहुंचे थे। उन्होंने अपने शुरुआती साल (1949 से 1956 तक) तुर्की में बिताए, क्योंकि उनके पिता सैयद मुशर्रफुद्दीन अंकारा में तैनात थे। वह 1961 में पाकिस्तानी सेना में शामिल हुए थे।
दिल्ली में हुआ था जन्म
मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त, 1943 को दिल्ली में हुआ था। मुशर्रफ का परिवार 1947 में कराची चला गया था। वह 1964 में पाकिस्तानी सेना में भर्ती हुए थे। उन्होंने 1968 में सहबा मुशर्रफ से निकाह किया था तथा उनका एक बेटा और बेटी है। उन्होंने क्वेटा के आर्मी स्टाफ एंड कमांड कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की थी।
सजा-ए-मौत पाने वाले पहले देशद्रोही शासक
पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ 2007 में संविधान को पलटने के लिए मुल्क के इतिहास में मृत्युदंड पाने वाले पहले सैन्य शासक बने थे। पाकिस्तान की एक अदालत ने दिसंबर 2019 में उन्हें मौत की सजा सुनायी थी। मामला नवंबर 2007 का है, जब मुशर्रफ ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में संविधान को निलंबित कर दिया था और अपना कार्यकाल बढ़ाने के लिए आपातकाल लागू किया था। इसके बाद उन्होंने महाभियोग के खतरे से बचने के लिए 2008 में इस्तीफा दे दिया। जब उनके कट्टर दुश्मन नवाज शरीफ 2013 में सत्ता में लौटे, तो उन्होंने मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा शुरू किया। मुशर्रफ ने 1999 में तख्तापलट करते हुए शरीफ को अपदस्थ कर दिया था।