
सिडनी में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए सिडनी हार्बर ब्रिज और ओपेरा हाउस को भारतीय तिरंगे के रंगों से जगमगाया गया। मोदी के साथ उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज भी मौजूद रहे। सिडनी हार्बर ब्रिज दुनिया के सबसे बड़े स्टील निर्मित चाप सेतु (आर्क ब्रिज) के तौर पर प्रसिद्ध है। -फोटो : प्रेट्र
सिडनी, 24 मई (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज के साथ लंबी चर्चा की। दोनों पक्षों ने इस वर्ष के अंत तक व्यापक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने का लक्ष्य भी तय किया। मोदी और अल्बनीज ने प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी व्यवस्था (एमएमपीए) पर हस्ताक्षर किए। इससे छात्रों, पेशेवरों, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और अन्य लोगों को आवाजाही में मदद मिलेगी। इसमें विशेष रूप से भारत के लिए बनाई गई मैट्स (प्रतिभाशाली प्रारंभिक पेशेवरों के लिए गतिशीलता व्यवस्था) नामक योजना का एक नवीन कुशल मार्ग शामिल है। मोदी की ऑस्ट्रेलिया यात्रा के तीसरे और अंतिम दिन हुई चर्चा में द्विपक्षीय संबंधों के पूरे आयामों के साथ-साथ रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और निवेश, शिक्षा आदि क्षेत्र में सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया।
वार्ता के दौरान मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले की हालिया घटनाओं का मुद्दा उठाया और यहां खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों को लेकर भारत की चिंताओं से अवगत कराया। मोदी ने कहा, 'प्रधानमंत्री अल्बनीज ने आश्वासन दिया है कि वह भविष्य में भी ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना जारी रखेंगे।' अल्बनीज ने अपने मीडिया संबोधन में घोषणा की कि ऑस्ट्रेलियाई व्यवसायों को भारत की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र से जोड़ने के लिए ऑस्ट्रेलिया बेंगलुरू में एक नया महावाणिज्य दूतावास खोलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर जनरल डेविड हर्ले के अलावा ऑस्ट्रेलिया के विपक्ष के नेता पीटर डटन ने भी मुलाकात की। डटन ने दोनों नेताओं की बैठक को ‘सार्थक' बताया। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय मुद्दों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
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