गाजा सिटी, 17 मई (एजेंसी)
इस्राइल की सेना द्वारा सोमवार सुबह गाजा सिटी पर किये भीषण हवाई हमले में चरमपंथियों द्वारा बनायी गयी सुरंगों के 15 किलोमीटर लंबे हिस्से और हमास के 9 कमांडरों के घर ध्वस्त हो गए। हमला इतना जबरदस्त था कि विस्फोटों से शहर का उत्तर से दक्षिण तक का इलाका थर्रा उठा। यह हमला 24 घंटे पहले हुए हवाई हमले से भी भीषण था। इस नये हमले में हताहतों की संख्या के बारे में नहीं पता चल पाया। गाजा सिटी में 3 मंजिला इमारत बुरी तरह बर्बाद हो गयी। स्थानीय लोगों का कहना है कि सेना ने हमले से 10 मिनट पहले चेतावनी जारी की थी, जिस कारण सभी लोग वहां से हट गए। कई बम आसपास के इलाके में गिरे। लेकिन गाजा के महापौर याहया सराज ने अल-जजीरा टीवी को बताया कि हवाई हमलों से सड़कों और अन्य ढांचों को भारी नुकसान पहुंचा है। ‘अगर हमले यूं ही जारी रहे तो हालात और बदतर हो जाएंगे।’ क्षेत्र में ईंधन और अन्य जरूरी सामान की कमी हो रही है। सगाजा पर किय गए हवाई हमलों में कम से कम 188 फलस्तीनी मारे गये हैं जिनमें 55 बच्चे और 33 महिलाएं शामिल हैं जबकि 1,230 लोग घायल हुए हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार हमले में दक्षिणी गाजा सिटी के बड़े हिस्सों को बिजली पहुंचाने वाले एकमात्र संयंत्र से बिजली की एक लाइन तक क्षतिग्रस्त हो गयी।
रविवार को टेलीविजन पर प्रसारित संबोधन में इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि इस्राइल पूरे ‘दम खम’ से हमला जारी रखे हुए है और हमास को ‘भारी कीमत चुकानी होगी।’ इस्राइली सेना के अनुसार मरने वालों में शिफा अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन विभाग के प्रमुख और अस्पताल में कोरोना वायरस प्रबंधन समिति के वरिष्ठ सदस्य अयमन अैमान अबु अल-ओउफ शामिल हैं। हमले में ओउफ के 2 बच्चे और परिवार का एक अन्य सदस्य भी मलबे में दब गए।
क्रिकेट क्लब ने भारतीयों को शरण दी
बीरशेबा : इस्राइल के दक्षिणी शहर बीरशेबा के एक क्रिकेट क्लब ने बेन-गुरियन यूनिवर्सिटी के अनेक भारतीय अनुसंधानकर्ताओं को बचाने के लिए पहल की है जो पिछले एक सप्ताह से हमास के हमलों के बाद उचित आश्रय की तलाश में है। विश्वविद्यालय के पास स्थित बीरशेबा क्रिकेट क्लब की इमारत के दरवाजे स्थानीय निवासियों के लिए खोल दिये गये हैं। फलस्तीनी उग्रवादियों द्वारा इजराइल के दक्षिणी इलाकों में हमले शुरू किये जाने के बाद यह पहल की गयी और इसी क्रम में भारतीय अनुसंधानकर्ताओं को भी सुरक्षित पनाह दी गयी।