इस्लामाबाद (एजेंसी) : चीन ने अरबों डॉलर की लागत वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत सहयोग का और विस्तार करने से इनकार कर दिया है। यह बात मंगलवार को सामने आई, जो दोनों देशों के बीच दोस्ती में तनाव का संकेत देती है। वहीं, नकदी के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर में एक नया आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्र स्थापित करने पर अपना विरोध छोड़ दिया और चीन की चिंताओं को दूर करने के लिए उसकी कई मांगों पर सहमति व्यक्त की। सीपीईसी की 11वीं संयुक्त सहयोग समिति (जेसीसी) की बैठक के विवरण के हवाले से खबर आई है। जेसीसी, सीपीईसी की रणनीतिक निर्णायक इकाई है और इसकी 11वीं बैठक पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज)-नीत सरकार के जोर देने पर पिछले साल 27 अक्तूबर को वर्चुअल तरीके से हुई थी।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।