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संवाद और कूटनीति से हो विवादों का समाधान : जयशंकर

कजान, 24 अक्तूबर (एजेंसी) संघर्षों और तनाव से प्रभावी तरीके से निपटने को आज के समय की विशेष जरूरत बताते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि विवादों और मतभेदों का समाधान संवाद और कूटनीति के जरिये...
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कजान, 24 अक्तूबर (एजेंसी)

संघर्षों और तनाव से प्रभावी तरीके से निपटने को आज के समय की विशेष जरूरत बताते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि विवादों और मतभेदों का समाधान संवाद और कूटनीति के जरिये करना चाहिए और एक बार सहमति बन जाए तो ईमानदारी से उसका पालन होना चाहिए।

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जयशंकर ने रूस के कजान में ब्रिक्स के ‘आउटरीच’ सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शामिल होते हुए यह बात कही।

सम्मेलन के मेजबान रूस के प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन हैं। जयशंकर ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले के एक कथन का उल्लेख करते हुए कहा, ‘यह युद्ध का युग नहीं है।’ उन्होंने ब्रिक्स सत्र में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कानून का बिना किसी अपवाद के पालन होना चाहिए और आतंकवाद के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने वाला रुख होना चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा, ‘पश्चिम एशिया में चिंता के हालात को समझा जा सकता है।’ सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और दुनियाभर के 20 से अधिक नेताओं ने भाग लिया। सरकारी तास समाचार एजेंसी के अनुसार, ‘आउटरीच/ब्रिक्स प्लस’ एक विस्तारित प्रारूप है, जिसमें 10 से अधिक ब्रिक्स सदस्य शामिल हैं। बैठक में लगभग 40 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें कई स्वतंत्र राष्ट्रों के राष्ट्रमंडल (सीआईएस), एशियाई, अफ्रीकी, पश्चिम एशियाई और लैटिन अमेरिकी देशों के नेता शामिल थे।

मोदी, जिनपिंग बैठक द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए महत्वपूर्ण : चीन

बीजिंग (एजेंसी): चीन ने बृहस्पतिवार को कहा कि रूस के कजान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बुधवार को हुई बैठक अत्यधिक महत्व रखती है क्योंकि वे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए महत्वपूर्ण आम सहमति पर पहुंचे हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, ‘वे चीन-भारत संबंधों में सुधार और इन्हें विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण आम सहमति पर पहुंचे तथा द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर विकास के पथ पर वापस लाने का मार्ग प्रशस्त किया।’ इस सवाल पर कि बीजिंग बैठक के नतीजे को कैसे देखता है, लिन ने कहा कि चीन द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक ऊंचाई और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य से देखने तथा आगे बढ़ने के लिए भारत के साथ काम करने को तैयार है। प्रवक्ता ने कहा कि दोनों नेता चीन-भारत सीमा प्रश्न पर विशेष प्रतिनिधि तंत्र का बेहतर उपयोग करने, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने, निष्पक्ष और उचित समाधान खोजने, बहुपक्षीय मंचों पर संचार एवं सहयोग बढ़ाने और विकासशील देशों के सामान्य हितों की रक्षा पर भी सहमत हुए हैं।

एलएसी पर व्यापक सहमति बनी : राजनाथ िसंह

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और चीन के बीच वार्ता के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जमीनी स्थिति बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बन गयी है जिसमें पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त और मवेशियों को चराने की अनुमति देना भी शामिल है। ‘चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2024’ में रक्षा मंत्री ने दोनों देशों के बीच हुए समझौते को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम बताया, जो वैश्विक मंच पर रक्षा वार्ता के महत्व को रेखांकित करता है। सिंह ने कहा, ‘सहमति में गश्त करना, पारंपरिक क्षेत्रों में चरागाह गतिविधियों को अनुमति देना भी शामिल है। यह निरंतर बातचीत की बदौलत संभव हुआ है, क्योंकि देर-सवेर समाधान निकल ही जाएगा।’

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