वाशिंगटन, 17 सितंबर (एजेंसी)
अमेरिकी न्याय विभाग ने 5 चीनी नागरिकों पर अमेरिका और भारत सरकार के कंप्यूटर नेटवर्क समेत दुनिया की 100 से ज्यादा कंपनियों और संस्थानों पर साइबर हमला कर डाटा तथा कारोबार संबंधी सूचनाएं चुराने का आरोप लगाया है। अमेरिका के उप-अटॉर्नी जनरल जेफ्री रोसेन ने कहा कि मामले में अभियोग को सामने रखा गया है। इसके तहत 5 चीनी नागरिकों ने कंप्यूटर सिस्टम को हैक किया तथा मलेशिया के 2 नागरिकों पर हैकरों की मदद करने के आरोप लगाए गए हैं। मलेशिया के नागरिकों को गिरफ्तार किया गया और चीनी नागरिकों को भगोड़ा घोषित किया गया। रोसेन ने चीनी सरकार की भी आलोचना की । उप-अटॉर्नी जनरल ने कहा कि न्याय विभाग ने इन चीनी नागरिकों के साइबर हमलों और कंप्यूटर में सेंधमारी की कोशिशों को नाकाम बनाने के लिए हर उपलब्ध तकनीक का इस्तेमाल किया।
अभियोग में कहा गया कि 2019 में साजिशकर्ताओं ने भारत सरकार की वेबसाइटों के साथ ही भारत सरकार के सहायक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क और डाटाबेस सर्वर को भी निशाना बनाया। साजिशकर्ताओं ने भारत सरकार के वीपीएन नेटवर्क में सेंधमारी करने के लिए वीपीएस प्रोवाइडर सर्वर का इस्तेमाल किया। हैकरों ने सरकार के संरक्षित कंप्यूटरों पर ‘कोबाल्ट स्ट्राइक’ मालवेयर इंस्टाल्ा कर दिया।