वाशिंगटन (एजेंसी) :
भारत जब अपने सबसे बुरे जन स्वास्थ्य संकट को झेल रहा है तब ऐसे समय में उसे अधिशेष कोविड-19 टीके नहीं भेजने के लिए बाइडन प्रशासन कई वर्गों की आलोचना का सामना कर रहा है। आलोचना करने वालों में डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य एवं समर्थक भी शामिल हैं। भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने बाइडन प्रशासन से उन देशों के लिए एस्ट्राजेनेका टीके की खुराकें देने का आग्रह किया है जो फिलहाल कोविड-19 के घातक रूप से बढ़ते मामलों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘जब भारत और दूसरी जगहों पर लोगों को मदद की बहुत जरूरत है तब हम टीकों को गोदाम में यूं ही नहीं रख सकते हैं, हमें उन्हें वहां पहुंचाना होगा जहां उनसे जानें बच सकती हैं।’ ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूट की तन्वी मदान ने एक ट्वीट में कहा कि बाइडन प्रशासन पिछले कुछ महीनों में अर्जित साख को गंवा रहा है। मदान ने कहा, ‘भारत के लोगों ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और ईरानी विदेश मंत्री के ट्वीट देखे हैं, रूस और चीन से मदद की पेशकश देखी है, ऐसे देश से भी जिससे उसकी शत्रुता है लेकिन उसे अमेरिका के किसी वरिष्ठ अधिकारी की तरफ से कोई पेशकश नहीं मिली है। बाइडन प्रशासन पिछले कुछ महीनों में हासिल साख को गंवा रहा है।’
‘अमेरिकी सरकार को कदम उठाने की जरूरत’
बाइडन के राष्ट्रपति चुनाव अभियान का हिस्सा रही, भारतीय-अमेरिकी सोनल शाह ने कहा कि उन्होंने भारत में अपने परिवार के पांच सदस्यों को खो दिया है। शाह ने कहा, ‘ हमारी सरकार को कुछ करने की जरूरत है। यह बहुत जल्द अन्य देशों में भी फैल जाएगा।’