वाशिंगटन, 15 अप्रैल (एजेंसी)
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने घोषणा की है कि इस साल 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला लिया जायेगा। व्हाइट हाउस से टेलीविजन के माध्यम से संबोधित कर रहे बाइडन ने कहा , ‘11 सितंबर (2001) की घटना के 20 साल पूरे होने से पहले अमेरिकी सैनिकों के साथ नाटो (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) के देशों और अन्य सहयोगी देशों के सैनिक भी अफगानिस्तान से वापस आयेंगे।’
इसके बाद बाइडन ने आर्लिंगटन नेशनल सिमेट्री (सैन्य स्मारक) जाकर, अफगानिस्तान युद्ध में जान गंवाने वाले अमेरिकी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। न्यूयॉर्क में 11 सितंबर को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकवादी हमले के बाद, 2001 में ही अफगानिस्तान में अल कायदा के आतंकवादियों के खिलाफ जंग शुरू हुई थी। सैन्य स्मारक पर एक सवाल के जवाब में बाइडन ने कहा कि सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला कोई कड़ा निर्णय नहीं है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में शांति और भविष्य में स्थिरता के लिए भारत, पाकिस्तान, रूस, चीन और तुर्की की अहम भूमिका है।
विशेषज्ञों ने जतायी चिंता : हालांकि विशेषज्ञों ने अमेरिका और नाटो के सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुलाये जाने के फैसले पर चिंता जताते हुए कहा है कि क्षेत्र में तालिबान का फिर से पांव पसारना और अफगानिस्तान की जमीन को आतंकवादियों द्वारा पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल किया जाना भारत के लिए चिंता का विषय होगा। पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में राष्ट्रपति की उपसलाहकार और 2017-2021 के लिए दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों में एनएससी की वरिष्ठ निदेशक रहीं लीज़ा कर्टिस ने कहा, ‘अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाये जाने से क्षेत्र के देश, खासकर भारत देश में तालिबान के फिर से उभरने को लेकर चिंता होगी।’
ब्लिंकन ने की अफगानिस्तान की यात्रा
काबुल (एजेंसी) : अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अमेरिका के सबसे लंबे समय तक चलने वाले युद्ध को समाप्त करने तथा सभी सैनिकों की वापसी के संबंध में राष्ट्रपति जो बाइडन के फैसले के मद्देनजर बृहस्पतिवार को अफगानिस्तान की अघोषित यात्रा की। ब्लिंकन अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला और अन्य अधिकारियों के साथ मुलाकात कर रहे हैं। एक दिन पहले ही बाइडन ने घोषणा की थी कि अफगानिस्तान में शेष 2,500 अमेरिकी सैनिकों की 11 सितंबर को आतंकवादी हमलों की 20 वीं बरसी तक वापसी हो जाएगी। नाटो ने भी कहा है कि अफगानिस्तान में उसके करीब 7,000 गैर-अमेरिकी सैनिक कुछ महीनों के भीतर वापस आ जाएंगे और इसके साथ ही अफगानिस्तान में विदेशी सेना की उपस्थिति समाप्त हो जाएगी।
ऑस्ट्रेलिया भी वापस बुलायेगा सैनिक
कैनबरा : ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनका देश, अमेरिका और अन्य सहयोगियों की तरह ही अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने का काम सितंबर तक पूरा कर लेगा। नाटो नीत मिशन में ऑस्ट्रेलिया का योगदान एक वक्त में 15,000 सैनिकों के पार चला गया था, लेकिन अब वहां 80 ही कर्मी बचे हैं।