यरुशलम, 30 अप्रैल (एजेंसी)
उत्तरी इस्राइल में यहूदियों के सबसे बड़े धार्मिक समागम के दौरान शुक्रवार तड़के भगदड़ मचने से 44 लोगों की मौत हो गयी है तथा 150 से अधिक लोग घायल हो गए। मीडिया ने यह जानकारी दी। माउंट मेरोन में वार्षिक धार्मिक समागम लाग बी’ओमर में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे। इस दौरान पूरी रात अलाव जलाया जाता है, प्रार्थनाएं होती हैं और नृत्य का समागम होता है। इसी शहर में दूसरी सदी के संत रब्बी शिमोन बार योचाई का मकबरा है और इसे यहूदियों के सबसे बड़े धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है।
बृहस्पतिवार को कई युवाओं खासकर स्कूली बच्चों समेत हजारों की तादाद में लोग समागम स्थल पर जुटे। समागम के लिए हजारों रूढ़िवादी यहूदी भी रब्बी शिमोन बार योचाई के मकबरे पर आये। इस्राइल की राष्ट्रीय आपात सेवा मेगन डेविड एडम (एमडीए) के अधिकारी ने घटना में 38 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है और मृतक संख्या बढ़ने की आशंका भी जतायी। उन्होंने कहा, ‘हमारे कर्मी हजारों लोगों का उपचार कर रहे हैं, जिनमें से कई की हालत नाजुक है। सभी घायलों को निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’ घटना में करीब 150 लोग घायल हुए हैं। एंबुलेंस सेवा देने वाली जाका ने बताया कि मृतक संख्या बढ़कर 44 हो गयी है। एमडीए के महानिदेशक एली बिन के अनुसार इस्राइली वायुसेना के साथ दमकलकर्मी फंसे हुए लोगों को निकालने के काम में जुटे रहे। पुलिस ने भी समागम के लिए जमा हुए हजारों लोगों को वहां से निकाला।
ऐसे हुआ हादसा
पुलिस की शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ कि कुछ लोग सीढ़ियों से फिसल गये जिसके बाद भगदड़ मच गयी। आयोजकों का अनुमान है कि बृहस्पतिवार रात करीब एक लाख लोग समागम स्थल पहुंचे थे और कई लोग शुक्रवार को आने वाले थे। समागम के लिए करीब 5,000 पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया था।
सबसे त्रासद घटना
घटनास्थल पर मौजूद आपात सेवा देने वाले स्वयंसेवी संगठन यूनाइटेड हतजालाह के उपाध्यक्ष लजर हाइमन ने बताया, ‘यह अब तक की सबसे त्रासद घटना में से एक है।’ हताहतों में कई बच्चे भी शामिल हैं। देश के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ‘बड़ी त्रासदी’ बताया।